प्रयागराज। कोई और वक्त होता तो कुंभ में संगम स्नान नेताओं के लिए केवल आस्था से जुड़ा विषय होता लेकिन मौका लोकसभा चुनाव का है…. और माहौल सियासी…. ऐसे में प्रयागराज आकर संगम की रेती पर आस्था की डुबकी लगाने की सिलसिला तेज हो चला है। इसके जरिए मिशन 2019 को साधने की कोशिश है। भाजपा तो इसमें खासी आगे है पर विपक्षी दलों के नेता भी इस सियासी पुण्य कमाने में पीछे नहीं हैं।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संगम में अपने मंत्रियों केसाथ डुबकी तो लगाएंगे ही, साथ ही इस कुंभ का यादगार बनाने लायक कोई बड़ा ऐलान भी करेंगे। आदित्यनाथ ने तो कुंभ मेले की शानदार, कामयाब व्यवस्था कर अपनी श्रद्धा व आस्था को जाहिर किया है। चर्चा है कि कांग्रेस के बड़े नेता भी संगम में डुबकी लगाएंगे। इसमें राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के संगम में आने की बात कही जा रही है। राहुल गांधी पहले भी मंदिरों के दर्शन करने व मठ का आशीर्वाद लेने के लिए जाने जाते रहे हैं।


सपा प्रमुख अखिलेश यादव तो संगम में डुबकी लगा चुके हैं और संतों से आशीर्वाद भी लिया। संगम में डुबकी लगाने के बाद उन्होंने कहा कि संगम और अर्धकुंभ… नाम बदल जाए, रंग बदल जाए और कुंभ के किनारे कैबिनेट हो जाए। अगर किसान खुशहाल न हो तो सब बातें अधूरी रह जाती हैं। चुनावी समर में वोटों का ध्रुवीकरण रोकने को अब सपा, कांग्रेस व अन्य दल साफ्ट हिन्दुत्व की राह पर चलते दिखाई दे रहे हैं। हाल के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के नेता ऐसा करते दिखे। विधानसभा चुनाव हारने के बाद अखिलेश ने भी पार्टी का रुख नर्म किया। उन्होंने सत्ता में आने पर चंबल के बीहड़ो में भगवान विष्णु का मंदिर बनाने का ऐलान किया है जबकि सैफई में वह हनुमान जी की विशाल प्रतिमा भी लगवा चुके हैं। अखिलेश ही नहीं उनके पिता व तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने जनवरी 2007 में प्रयाग में अर्धकुंभ जाकर संगम पर डुबकी लगाई थी और अखाड़ा परिषद के संतों से आशीर्वाद लिया था। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव भी कुंभ मेले का दर्शन कर संगम में स्नान करने जरूर जांएगे। अभी तारीख तय नहीं है।

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अंगे्रजी में भी सुन सकेंगे कथा

कुंभ मेले में इन दिनों धर्म और आध्यात्म के साथ ही संगीत के फ्यूजन में भी श्रद्धालु गोते लगा रहे हैं। संत महात्माओं के पंडालों में एक ओर जहां हवन, पूजन और प्रवचन के कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। वहीं दूसरी ओर दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान के शिविर में भजन कुंभ का आयोजन किया जा रहा है। इसमें पश्चिमी और भारतीय वाद्ययंत्रों का फ्यूजन देखने को मिल रहा है।शिविर में हिन्दी के साथ ही साथ अंग्रेजी भाषा में भी कथाएं चल रही हैं।

संस्थान का दावा है कि अंग्रेजी में पूरे मेला क्षेत्र में उनके शिविर में ही कथा हो रही है। राम कथा के साथ-साथ हो रहे भजन कुंभ में भजन प्रस्तुत करने वाले कोई पेशेवर कलाकार नहीं है, बल्कि संस्थान के ही युवा संन्यासी और साध्वियां हैं, जो बेहद सुन्दर तरीके से लोगों को भजन सुना रहे हैं। लोग इनके भजनों में इस कदर डूब जाते हैं कि झूमते हुए साथ में ही गाने लगते हैं। इसका उद्देश्य लोगों को जहां धर्म के प्रति जागरूक करना है, वहीं युवाओं को भी भारतीय परंपराओं की ओर लौटाना है।jeevan raksha hospital