बीकानेर। उदयरामसर में स्थित मुरलींसंह यादव मेमोरियल प्रशिक्षण संस्थान में ”विद्यार्थी अभिप्रेरणा’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी की मुख्य वक्ता एवं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय, बीकानेर के इतिहास विभाग की संकाय सदस्या एवं सेन्टर फॉर वूमन्स स्टडीज की निदेशक, प्रखर लेखिका डॉ. मेघना शर्मा रही। मुख्य वक्ता और इतिहासवेता के रूप में अपने उदबोधन में डॉ. मेघना शर्मा ने विद्यार्थी अभिप्रेरण एवं स्त्री विमर्श पर सराहनीय एवं सारगर्भित विचार प्रकट कर विद्यार्थियों में ऊर्जा का नव संचार किया। साथ ही उन्होंने वैदिक, मध्यकाल, मुगलकाल एवं आधुनिक काल में समाज में स्त्री की दशा एवं दिशा का बखूबी रेखा चित्रण प्रस्तुत किया एवं स्त्रियों की दशा में सुधार विषय पर विस्तार से चर्चा की।

डॉ. मेघना के सारगर्भित विवेचना से सभी श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रख्यात लेखक एवं विचारक डॉ. मनमोहनसिंह यादव ने कहा कि पाश्चात्य एवं पौर्वाल्य संस्कृति के दरमियां नारी विमर्श का तुलनात्मक अध्ययन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि नारी पैदा नहीं होती अपितु बनाई जाती है।

इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष कुलदीप यादव ने समाज में स्त्रियों की महत्ता पर बल दिया। संस्थान के प्राचार्य ने अतिथियों एवं वक्ताओं का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर संस्थान के व्याख्याता एवं कार्मिकों श्रीमती गीता विश्नोई, सचिन मिततल, श्रीमती शशिप्रभा, डॉ. मनोज मोहता, गौरव जोशी, भवानीशंकर चौधरी, श्रीमती मुन्नी सेवग, संजय मीणा, श्रीमती बिन्दु व्यास, हरिहर व्यास, शकुन्तला बेनीवाल, कौशल्या सुथार, नीलम सौलंकी, यशराज यादव, अनिल यादव, श्रीकृष्ण भादू, महिपालसिंह राठौड़ एवं महाविद्यालय के सैंकड़ों छात्र-छात्राओं की की सहभागिता रही। कार्यक्रम का मंच संचालन श्रीमती गीता विश्नोई ने किया।(PB)