स्वामी केशवनांद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित

बीकानेर । स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय का चौदहवां दीक्षांत समारोह गुरूवार को विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित हुआ। दीक्षांत समारोह में 685विद्यार्थियों को स्नातक, 84 विद्यार्थियों को स्नातकोतर, 20 विद्यार्थियों को विद्या वाचस्पति की उपाधि तथा 17 विद्यार्थियों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए।

इस अवसर पर केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफेयर्स राज्यमंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था, कृषि पर आधारित है। देश की जीडीपी में कृषि का बड़ा योगदान है। यह हिस्सा और बढ़े, इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय, कृषि वैज्ञानिक, शोधार्थी एवं विद्यार्थी कृषि क्षेत्र में नवाचार करें। उन्होंने कहा कि कृषि शिक्षा वर्तमान युग के अनुकूल हो तथा कृषि क्षेत्र का विद्यार्थी ‘जॉब प्रोवाइडर’ बने, केन्द्र सरकार इस दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कृषि जींस के जीएसटी से मुक्त रहने की बात कही।

मेघवाल ने कहा कि रेगिस्तानी क्षेत्र में स्वतः उगने वाली औषधीय वनस्पतियों के संबंध में भी शोध किया जाए। उन्होंने बीकानेर के कृषि विश्वविद्यालय को केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के रूप में क्रमोन्नत करने की बात कही तथा कहा कि यह विश्वविद्यालय संसाधन, भूमि, विशेषज्ञों की उपलब्धता के आधार पर सर्वश्रेष्ठ विकल्प है। उन्होंने दीक्षांत समारोह में परम्परागत वेशभूषा के स्थान पर भारतीय संस्कृति से संबंधित वेशभूषा पहनने के राज्यपाल के निर्णय का स्वागत किया तथा विद्यार्थियों को शुभकामनाएं दीं।

कृषि एवं पशुपालन मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कहा कि राज्य का किसान, कृषि वैज्ञानिकों की सलाह से कृषि में नित नए नवाचार कर रहा है, इससे उत्पादन एवं उत्पादकता में सुधार हुआ है। राजस्थान की भौगोलिक परिस्थितियां अत्यंत प्रतिकूल हैं, लेकिन राज्य सरकार रेगिस्तान को हरा-भरा करने के लिए लगातार प्रयासरत रही है। उन्होंने कहा कि आज कृषि, बागवानी, पशुपालन सहित प्रत्येक क्षेत्र में नए प्रयोग करने की जरूरत है। सरकार की मंशा है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर की तकनीक लाकर, किसानों की आमदनी बढ़ाई जाए। इसके लिए कई देशों की कृषि पद्धतियों का अध्ययन किया जा रहा है। इसी उद््देश्य से नवंबर में ‘ग्लोबल राजस्थान एग्रोटेक मीट’ का आयोजन जयपुर में किया जा रहा है।

सैनी ने कहा कि ओलिव ऑयल उत्पादन के क्षेत्र में राजस्थान, देश का सिरमौर बन गया है। यह गुणवत्ता की दृष्टि से स्पेन, ब्राजील और मोरक्को जैसे देशों से कहीं कम नहीं है। इसका उत्पादन और अधिक बढ़ाने की योजना है। उन्होंने बीकानेर संभाग में पिस्ता की खेती की संभावनाओं की जानकारी दी तथा कहा कि इसके लिए क्षेत्र का चिन्हीकरण किया जा रहा है। उन्होंने राजस्थान में किनवा और ड्रेगन फू्रट के उत्पादन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि दीक्षांत समारोह किसी भी विद्यार्थी के जीवन का महत्त्वपूर्ण अवसर है। विद्यार्थी, इसकी महत्ता समझते हुए समाज और देश के उत्थान में अपना योगदान दें।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक (कृषि शिक्षा) डॉ. एन. एस. राठौड़ ने कहा कि भारत सरकार के कृषि शिक्षा के 11 संकायों को व्यावसायिक डिग्री के रूप में मान्यता दे दी है। इससे विद्यार्थियों को भरपूर लाभ होगा। उन्होंने कहा कि किसानों को खेती के परम्परागत तरीकों के साथ, नवीनतम तकनीकों को अपनाना होगा। सरकार की मंशा है कि छात्रा एवं किसान उद्यमी बनें, जिससे सन् 2022 तक उनकी आय दोगुनी की जा सके। उन्होंने कहा कि शिक्षा ग्रहण कर चुके विद्यार्थी, अपना ज्ञान का सकारात्मक उपयोग करें।

अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. बी. आर. छीपा ने कहा कि अब तक आयोजित 13 दीक्षांत समारोहों में 13 हजार 818 विद्यार्थियों को स्नातक, 3 हजार 495विद्यार्थियों को स्नातकोतर, 659 विद्यार्थियो को विद्या वाचस्पति की उपाधियां दी जा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2015-16 में 3 हजार 115 क्विंटल प्रजनन बीज का उत्पादन एवं राज्य केन्द्रीय बीज निगमों के माध्यम से किसानों में वितरण किया गया है। उन्होंने कहा कि कृषि एवं इससे संबंधित चुनौतियों का सामना करने के लिए विश्वविद्यालय सदैव प्रतिबद्ध रहेगा।

इससे पहले पारम्परिक धुन के साथ विद्वत शोभायात्रा का समारोह स्थल पर प्रवेश हुआ। अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन किया। कुलसचिव डॉ. आई.जे. गुलाटी ने कुलपति तथा समारोह अध्यक्ष की अनुमति से दीक्षांत समारोह के शुभारम्भ की घोषणा की। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

इस अवसर पर महापौर नारायण चौपड़ा, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ए. के. गहलोत, महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. चंद्रकला पाडिया, डॉ. सत्यप्रकाश आचार्य, सहीराम दुसाद, भूपेन्द्र शर्मा, सहायक निदेशक (कॉलेज शिक्षा) दिग्विजय सिंह सहित विश्वविद्यालय के बोम सदस्य,एकेडमिक सदस्य, स्टाफ, विद्यार्थी एवं आमजन मौजूद थे।