सूरत (योगेश मिश्रा)। उस इंसान की हालत क्या होगी, जिसने अमेरिका से आकर सुबह पिता को और शाम मां को मुखाग्नि दी हो। ठीक ऐसा ही हुआ, जब रविवार को गोकुल विहार में रहने वाले दम्पति पक्षीराज और देविका मार्निंग वॉक को निकले। बेटे की बात करते हुए वे टहल रहे थे, तभी एक रिक्शे वाले ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। इससे पक्षीराज की मौत हो गई, देविका बेन गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती थी। सोमवार को जब बेटा अमेरिका से आया, तो उसने सुबह पिता को और शाम मां को मुखाग्नि दी। तीन में से दो संतानें विदेश में।


पक्षीराज-देविका बेन की तीन संतानें हैं। एक बेटा विरल और एक बेटी ख्याति इंजीनियर हैं, जो अमेरिका में स्थायी रूप से रह रहे हैं। एक बेटी स्वाति डॉक्टर है, जो पुणे में है। बेटे विरल को जब पता चला कि मार्निंग वॉक के दौरान पिता की मौत हो गई है और मां गंभीर अवस्था में अस्पताल में है। तो वह तुरंत इंडिया आने के लिए तैयार हो गया। रविवार को जब यहां आया, तो सबसे पहले उसने 3 दिन से रखे पिता के शरीर को मुखाग्नि दी। उधर अस्पताल में मां की हालत खराब हो रही थी, शाम तक मां का भी देहांत हो गया। विरल ने शाम को मां के शरीर को कांधा देकर उसे मुखाग्नि दी।


तीनों संतानें सेट हो गई थी, इसलिए चिंतामुक्त थे
पक्षीराज और देविका बेन दोनों ही पूरी तरह से चिंतामुक्त थे। उनकी तीनों संतानें पूरी तरह से सेट हो गई थी, इसलिए उन्हें बच्चों की कोई चिंता नहीं थी। इसलिए वे सुबह-शाम वाकिंग करते। रविवार की सुबह टहलते हुए एक रिक्शे ने उन्हें अपनी चपेट में ले लिया। पर इधर पक्षीराज की मौत हो गई और देविका बेन गंभीर रूप से घायल होकर अस्पताल में भर्ती थी, जिनका सोमवार को निधन हो गया। इन दोनों को रिक्शा चालक ने ही अस्पताल में भर्ती करवाकर फरार हो गया था।