बीकानेर। उच्च शिक्षा मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भंवरसिंह भाटी ने कहा कि राज्य के युवाओं को गुणवत्ता युक्त व कौशल परक शिक्षा देने के लिए राज्य सरकार प्राथमिकता से कार्य करेगी। शुक्रवार को सर्किट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए भाटी ने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा के स्तर को सुदृढ़ बनाने के लिए पूरे प्रयास किए जाएंगे। विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में देश के भविष्य तैयार होता है तथा इनमें किसी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। विद्यार्थियों के लिए रोजगारोन्मुखी कोर्स प्रारम्भ किए जाएंगे।

प्रदेश के शैक्षणिक संस्थानों में ऐसे कोर्स प्रारंभ किए जाएंगे, जिनमें युवा वर्ग को कॉरपोरेट संस्थानों में अधिक से अधिक नौकरी के अवसर मिल सकें। तकनीकी क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलाव के कारण निरंतर संशोधित परिवर्तित पाठ्यक्रमों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में शिक्षकों की कमी सहित विभिन्न समस्याओं के निस्तारण के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर कार्य किया जाएगा। इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाएगा कि कॉलेजों में नियमित कक्षाएं लगे, कोर्स समय पर पूर्ण हो।
उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि जनघोषणा पत्र की अनुपालना में अम्बेडकर विधि विश्वविद्यालय एवं हरिदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय को पुन: प्रारंभ करने के प्रस्ताव ग्रुप ४ द्वारा तैयार कर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत किए जा रहे हैं। प्रदेश के महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में भयमुक्त वातावरण स्थापित करते हुए उनकी अकादमिक स्वतंत्रता तथा स्वायत्ता को सुनिश्चित करने हेतु महिला, छात्रा सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। छात्रावास परिसर के लिए एस.सी.एस.टी., पिछड़े, अल्पसंख्यक एवं दिव्यांग विद्यार्थियों के लिए कार्ययोजना तैयार कर सरकार परिपत्र जारी करेंगी। जनघोषणा पत्र की अनुपालना में प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने तथा स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से सभी विश्वविद्यालयों में रोजगार उन्मुक्त दक्षता शिक्षा केन्द्र की स्थापना की जायेगी। इसके प्रस्ताव प्राप्त कर वित्त विभाग को प्रेषित किए जाएगें।

रिक्त पदों पर भर्ती की जायेगी

उन्होंने कहा कि राज्य के सभी महाविद्यालयों में प्राचार्य के रिक्त पदों को भरने के प्रयास किए जा रहे है। अभी प्राचार्य के ७० प्रतिशत पद रिक्त है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर २०१८ तक योग्य सह, सहायक आचार्यों के लिए सीनियर, सलेक्शन, पे-बैण्ड के बकाया प्रकरणों की स्क्रिनिंग करवाई जानी है। आरपीएससी को ८३० पदों पर भेजी गई अभ्यर्थना का विज्ञापन शीघ्र जारी होगा तथा शेष चयनित अभ्यर्थियों का पदस्थापन करवाया जायेगा। गैर शिक्षित रिक्त पदों के लिए भर्ती की अभ्यर्थना राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड में भिजवाने के प्रस्ताव तैयार किए जा रहे है। महाविद्यालय में खेल मैदानों की स्थिति को सुधारने के लिए महाविद्यालयों के प्राचार्यों को निर्देशित किया जायेगा। साथ ही महाविद्यालय स्तर पर स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप ६० दिवसीय कार्ययोजना बनाने के लिए भी कहा गया है। उन्होंने बताया कि राजकीय महाविद्यालयों के लम्बित भूमि प्रकरणों को भूमि आवंटित करवाई जाएगी।

छात्राओं को मिलेगी नि:शुल्क शिक्षा

उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों के साथ-साथ कॉलेजों में भी बालिकाओं के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था प्रारम्भ होगी। बीकानेर जिले में पुराने कॉलेजों व नए कॉलेजों में संसाधन विकसित करने पर कार्य किया जाएगा। कोलायत व श्रीडूंगरगढ़ में नए खोले गए कॉलेजों में भूमि, बिल्डिंग व स्टाफ की व्यस्था की जाएगी। इस सम्बंध में जो भी कमियां पाई जाएगी,उनका प्राथमिकता से निस्तारण किया जाएगा। बालिकाओं को सेनटरी नेपकिन की सुविधा-भाटी ने कहा कि बालिकाओं को सेनटरी नेपकिन सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए ६० दिन में कार्य योजना बनाकर कार्य किया जा रहा है। सेनेटरी नेपकिन वैडिंन मशीन की व्यवस्था राजस्थान के समस्त राजकीय महाविद्यालयों में किया जाना है तथा आगामी सत्रों में मुफ्त सेनेटरी नेपकिन की वितरण व्यवस्था के लिए सेनेटरी नेपकिन वैडिंन मशीन हेतु राशि रूपए १००.०० लाख अनावर्ती एवं २५० लाख रूपए आवर्ती व्यय की व्यवस्था के लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव भिजवाया जा रहा है।


प्रतियोगी परीक्षा हेतु कोचिंग की व्यवस्था
उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सरकारी कॉलेजों में कोचिंग सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उच्च शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि महाराजा गंगासिंह विश्वविद्वालय के विकास के पूरे प्रयास होंगे। राजनीतिक लाभ लेेने के लिए गए निर्णयों की समीक्षा की जाएगी।
कोलायत को बनाया जाएगा धार्मिक पर्यटन का विशेष केन्द्र
राज्यमंत्री भाटी ने कहा कि कोलायत विधानसभा क्षेत्र में पर्यटन की संभावनाओं को देखते हुए इस क्षेत्र में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने का विशेष प्रयास रहेगा। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ही उन्होंने संभाग के सबसे बड़े राजकीय डूंगर कॉलेज का दौरा कर वहां की स्थिति की जानकारी ली तथा कार्यवाहक प्राचार्य को विद्वार्थियों को हरसंभव सुविधाएं उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि डूंगर महाविद्यालय में छात्रों से सीधा संवाद करके से महाविद्यालय के विकास के बारे में फीड बैक लिया है।(PB)