बीकानेर। इयारीज नामक संगठन एवं बिन्नाणी कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन सम्पन्न हुआ। मीडिया प्रभारी डॉ. राजेन्द्र पुरोहित ने बताया कि समापन समारोह के मुख्य अतिथि गंगा सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह रहे। समारोह की अध्यक्षता बिन्नाणी कॉलेज के सचिव डॉ. गौरीशंकर व्यास ने की। संचालन डॉ. क्षमता चौधरी ने किया।े कार्यक्रम के प्रारभ्भ में कॉलेज की छात्राओं ने धरती धोरा रीं गीत प्रस्तुत किया। इयारीज की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. नीलम रायसिंघानी ने कहा कि यह सम्मेलन निष्चित रूप से सफलतम सम्मेलन रहा हैं एवं इसके प्रस्तावों को नीति निर्धारकों तक पहुंचाने के प्रयास किये जायेगें।


इयारीज के सचिव डॉ. हरदेव शर्मा ने दो दिवसीय सम्मेलन की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया कि सम्मेलन में शिक्षा के माध्यम से रोजगार, मानवाधिकार, वर्तमान प्रासंगिकता, पर्यावरण जागरूकता विषयक कुल दस तकनीकी सत्र आयोजित किये गये। डॉ. हरदेव ने कहा कि सम्मेलन के दौरान हुए पैनल परिचर्चा में यह निष्कर्श सामने आया कि वर्तमान शिक्षा पद्धति में परिवर्तन की जरूरत है।
मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. भगीरथ सिंह ने कहा कि किसी भी सम्मेलन की सफलता तभी सार्थक होती है जब उसमें पढ़े गये शोध पत्रों केे निष्कर्शों को सरकार तक प्रस्ताव के रूप न पहुंचाया जावे। उन्होनें कि शिक्षा के क्षेत्र में नख से शिखर तक परिवर्तन की बात तो की जाती है लेकिन उस पर वास्तविक रूप से अमल नहीं किया जाता। उन्होनें टैगोर एवं अर्मत्य सेन के शिक्षा के क्षेत्र में दिये गये सिद्धान्तों की व्याख्या भी की। प्रो. भगीरथ सिंह ने कहा कि शिक्षा वास्तव में केवल धन कमाने का स्रोत ही नहीं होना चाहिये वरन इसका मूल उद्देष्य संस्कार उत्पन्न करने के लिये भी होना चाहिये। उन्होनें कहा कि सामाजिक विज्ञान की जानकारी के बिना शि़क्षा अधूरी होती है। अतएव शिक्षा के के लिये संवेदनशीलता होना अति आवष्यक होता है। डॉ. सिंह ने तकनीक आधारित शिक्षा का बाजार से लिंक होने पर गहरी चिन्ता व्यक्त की। उन्होने कहा कि तकनीक आधारित शिक्षा से विेवेक और बुद्धि का विकास नहीं होता है। डॉ. सिंह ने युवाओं से आह्वान किया कि शिक्षा की मूलभूत भावना को समझते हुए गुंरूकुल शिक्षा के सिद्धान्तों का अपनायें।


अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कॉलेज के सचिव श्री गौरीशंकर व्यास ने बालिका शिक्षा के क्षेत्र में बिन्नाणी कॉलेज के योगदान की सराहना की। श्री व्यास ने इयारीज संगठन का आभार व्यक्त किया। डॉ. गजानन्द व्यास ने सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया।(PB)