उमंग व जोश से मनाया वैसाखी पर्व, कलाकारों ने बांधा समां
उमंग व जोश से मनाया वैसाखी पर्व, कलाकारों ने बांधा समां
उमंग व जोश से मनाया वैसाखी पर्व, कलाकारों ने बांधा समां

बीकानेर ।  पंजाबी लोकगीत और नृत्य ने ऐसा समां बांधा कि लोग बार-बार ख्वाहिश करने लगे कि “भटिण्डा बन गया” भंगड़ा पुनः दिखाया जाये। यहॉ तक कि पूर्व मंत्री बी.डी.कल्ला ने भी इसे पसन्द किया और अपने उद्बोधन में इसे दोहराया ” क्या रंग अनोखा लाई है मेहनत भरपूर किसानो की, सारे अरमान निकालो जी, फिर वैसाखी का ढोल बजा जी भर कर भंगढ़ास डालो जी” । बीकोनर पंजाबी महासभा के अध्यक्ष नरेश चुग ने जब यह कहा तो रेलवे मैदान तालियों की खडखडाट से गूंज उठा और लड़ी लग गई भंगड़ा और गिद्वा की । लोग अपनी सीटों से उठकर भी नाचने लगे भगड़ा करने लगे । यह रात्रि थी वैसाखी पर्व की – जो रेलवे मैदान में बड़ीउमंग और जोश के साथ मनाई जा रही थी। रंग बिरंगी परिधानों से सजे किसान और अंमग से थिरकते तराने-जटृा आई री वैसाखी पर पूरा बीकानेर झूम उठा था । रेलवे मैदान ने मिनी पंजाब का रूप ले लिया था । इस रंगीन और संगीत भरे कार्यक्रम के साक्षी रहे भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष नन्द किशोर सोंलकी जिन्होने कार्यक्रम की अध्यक्षता की । मुख्य अतिथि के रूप में विघायक गोपाल जोशी थे। विशिष्ठ अतिथि के रूप में नगर निगम के महापौर नारायण चोपड़ा, पूर्व महापौर भवानी शंकर शर्मा, पूर्व मंत्री डा. बी.डी.कल्ला, पूर्व विघायक अशोक नागपाल, पुलिस उप अधिक्षक हरनाम सिंह । इन लोगो ने अपने भावपूर्ण शब्दों में वैसाखी पर्व की लख लख बधाईयां दीऔर पंजाबी महासभा द्वारा विशेष कर नरेश चुग द्वारा इतने विशाल आयोजन की पं्रसशा की । इस अवसर पर पंजाबी समाज की विभुतियों का सम्मान भी किया गया । समाज सेवा में अग्रणीय रहे और विभाजन की त्रासदी झेल रहे पंजाबियों को स्वाबलम्बी बनाने वाले लाला ठाकुरदास गुडृी को मरणोंपरान्त पंजाबी रत्न से सम्मानित किया गया ।

04 with capयह सम्मान उनके परिजनों को दिया गया। जयपुर रोड़ पर मॉ कटरे वाली वैष्णों देवी के अनुरूप वैष्णोंधाम मन्दिर का निर्माण करवाने वाले सुरेश खिवाणी को भी पंजाबी रत्न से सुशोभित किया गया। निशक्तों को, असहाय लोगो को धार्मिक यात्रायें करवाने और बाबा रामदेव के दर्शनार्थ जाने वाले यात्रियों को दस दिनों तक निःशुल्क खाना खिलाने उनकी सेवा करने में तत्पर रहने वाले मनोहरलाल छाबड़ा को ’’ सच्चे समाज सेवक’’ की उपाधि से नवाजा गया। सम्मान पाने वाली उल्लेखनिय शख्यियतों में हर भगवान अणेजा, श्री भगवानदास धीगड़ा, श्री कुन्दनलाल उतरेजा, श्री हुकमचन्द किंगर, श्री गिरीश खत्री, श्री किशन चावला, एडवोकेट रविकान्त वर्मा, श्रीमती रजनी कालरा, एडवोकेट हरीश मदान प्रमुख रहे । पंजाबी महासभा को इन पर नाज रहा। समारोह में शिक्षा, खेल और अन्य सामाजिक कार्य में विशिष्ठ स्थान बनाने वाली प्रतिभाओं का भी सम्मान हुआ । समारोह का मुख्य आकर्षण पंजाबी महासभा के अध्यक्ष नरेश चुग को मंच पर बुलाकर शानदार तरीके से अतिथियों ने उन्हे माल्यापर्ण करवाया । उन्हे पुष्प गुच्छा भेट किये । इधर समाज के वरिष्ठजनों का भी अतिथियों ने उनके स्थानों पर जाकर उन्हे शाल ओढाकर सम्मानित किया । यह विभुतियां पंजाबी समाज की धरोहर थी इस विरासत को सम्मानित करने में बीकानेर पंजाबी महासभा अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रही थी । सम्मान समारोह कार्यक्रम के साथ-साथ पंजाबी लोकनृत्य और गीतों से मैदान गूंज रहा था। पंजाब से आये कलाकारों ने ऐसा समा बांधा कि बार-बार गीत नृत्य की आवाजें गूजंने लगी । दर्शकों ने जी भरकर वैसाखी पर्व का लुत्फ उठाया। गौतम खिवांणी ने भी पंजाबी महासभा के क्रिया कलापो पर प्रकाश डाला। सुभाष भोला ने आगुन्तकों का आभार व्यक्त किया । इसके बाद शुरू हुआ सांझे चुल्हे का कार्यक्रम । प्रसाद पाने के लिये दर्शकों को कतारें लगानी पड़ी । कुल मिलाकर वैसाखी पर्व एक यादगार बन गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में एक पूरी टीम मनोहरलाल चावला, हर भगवान अणेजा, भोलाराम छाबड़ा, सतीश भुटरेजा, मनोहरलाल छाबड़ा, भगवानदास धीगड़ा, नारायण रूपेला, केशव रहेजा और भी बहुत सारे कार्यकर्ता इसे सफल बनाने में दिन रात एक कर रहे थे। इस अवसर पर विवाह योग्य युवक-युवतियां का परिचय का कार्य भी हुआ । इसके लिये भरवाये गये प्रपत्रों से स्मारिका का शीध्र ही प्रकाशन किया जायेगा ।