हमारा जल हमारा जीवन विषयक कार्यशाला में जल संरक्षण एवं बचत पर मंथन हुआ
हमारा जल हमारा जीवन विषयक कार्यशाला में जल संरक्षण एवं बचत पर मंथन हुआ
हमारा जल हमारा जीवन विषयक कार्यशाला में जल संरक्षण एवं बचत पर मंथन हुआ

बीकानेर। हमारा जल हमारा जीवन संबंधी कार्यशाला का मंगलवार को इंदिरा गांधी नहर परियोजना (जल संसाधन विभाग) द्वारा पीडब्ल्यूडी के मीटिंग हॉल आयोजित हुई।
कार्यशाला का उद्घाटन सार्वजनिक निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता पी.के. जैन एवं अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता, जल स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग बी. कृष्णन ने सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्जवलित कर किया ।
कार्यशाला का विषय प्रवर्तन सुनील कटारिया, अधिशाषी अभियन्ता, इगानप. द्वारा किया गया एवं मंच संचालन रवि प्रकाश माथुर, सहायक अभियन्ता, इगानप. द्वारा गया गया । कार्यक्रम में इगानप. पीएचईडी, कृषि विभाग, काजरी, भूजल विभाग एवं वेटेरनरी के अधिकारियों द्वारा एवं विभिन्न एनजीओ, समाज के गणमान्य लोगों,पत्राकारों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं बुद्धिजीवियों द्वारा भाग लेकर जल बचत एवं जल प्रबन्धन पर अपने उपयोगी विचार व्यक्त किए।
अधीक्षण अभियन्ता जनस्वास्थ्य अभ्यांत्रिकी विभाग मकबूल पठान ने जल के अपव्यय को रोकने के बारे में विस्तार से बताते हुए जल बचत की उपयोगिता पर प्रकाश डाला गया । उन्हांेने बीकानेर के परिप्रेक्ष्य में पानी के संबंध में अपनी बात रखी । उन्होंने कहा कि जिले में एक जल ग्राम का चुनाव किया जाना है,जिस पर सरकार द्वारा विचार किया जायेगा ।
अभियन्ता, इगानप अरूण बैद ने मरूस्थल में नहर की रियासतकालीन पृष्ठभूमि से आज तक नहर के स्वरूप के बारे में विस्तार से जानकारी दी । उन्होंने बताया कि गंग कैनाल का निर्माण 1920-27 के बीच हुआ, जबकि राजस्थान नहर जिसका वर्तमान में नाम इंदिरा गांधी नहर है, का निर्माण 1958 में शुरू किया गया था, जो उत्तर-पश्चिमी राजस्थान की जीवनदायिनी है । इगानप. से 16.17 लाख हैक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध है । इस नहर से 1970-71 में पानी का प्रवाह शुरू हो गया था । इस नहर से 1.79 करोड़ लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाया जाता है । डॉ. सुधा शर्मा ने जल प्रबन्धन के बारे में बोलते हुए उनके द्वारा उन लोगों को जोड़ने पर बल दिया जो इसके उपयोग से सीधे जुड़े हुए हैं ।
सहायक निदेशक कृषि जयदीप दोगने ने कृषि में जल बचत के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत 2000 डिग्गियां बनाये जाने का जिक्र किया । उन्होंने बाजरा की गिरती पैदावार का कारण उसकी कम कीमतों के साथ-साथ ग्वार की कीमतों में आये उछाल को बताया, जिसके कारण किसानों द्वारा बाजरा का कम बुआई की जा रही है । उन्होंने नोखा, डूंगरगढ़ क्षेत्रा में किसानों द्वारा ट्यूबवैलों के बढ़ते उपयोग पर चिन्ता प्रकट की व डार्क जोन में ट्यूब वेलों से पानी के स्तर के नीचे जाने के खतरे के बारे में आगाह किया । उन्होंने कम पानी में बोई जाने वाली फसलों के बारे में विस्तार से जानकारी दी और कहा कि जोजोबा इसका अच्छा उदाहरण है । उन्होंने एक फिल्म से भी राजस्थान में कृषि क्षेत्रा में जल उपयोग को दर्शाया गया ।
पत्राकार हेम शर्मा और अशोक माथुर ने भारतीय संस्कृति में जल के महत्व को बताया । वरिष्ठ हाइड्रोलॉजिस्ट, जी.डब्लयू.डी. पन्नालाल गहलोत ने जल के संरक्षण पर जोर दिया गया । उन्होंने इंदिरा गांधी नहर को राजस्थान की गंगा बताया गया । हाइड्रोलॉजी के हिसाब से बीकानेर जिले की स्थिती दर्शाई गई । उन्होंने बताया कि जिले में ब्लॉक का जल स्तर 124.65 मीटर तक गहरा चला गया है ।
निदेशक, काजरी,एन.डी. यादव ने जल प्रबन्धन एवं उपयोगिता पर की गई रिसर्च के बारे में प्रेजेन्टेशन दिया गया । जिसमें बूंद बूंद सिंचाई द्वारा जल के मितव्ययी उपयोग बताया गया । कृषि विश्वविद्यालय के डॉ. त्रिभुवन शर्मा ने सिंचाई के साथ साथ पशुपालन के महत्व पर भी प्रकाश डाला । नवयुवक किसान एवं अनुसंधान संस्थान राजेश शर्मा ने गैर सरकारी संस्थानों एवं समस्त सरकारी विभागों के समन्वय पर बल दिया गया, जिससे सभी लोगों को एक ही स्थान पर जल प्रबन्धन एवं कृषि संबंधी सारी जानकारी प्राप्त हो सके । एडवोकेट मोहम्मद उमर ने आई.टी. के स्थान पर कृषि को प्रथम वरीयता देने पर बल दिया गया ।
उपनिदेशक, एच.डब्ल्यू.एम.आई मनोज मांझू ने राज्य जल नीति के विशेष मुद्दों पर एवं सहभागी सिंचाई प्रबन्धन की महत्ता को विस्तार से समझाया। एडवोकेट विपिन चन्द्र गोयल ने पानी के प्रति दृष्टिकोण बदलने पर बल दिया । उन्होंने सभी वैज्ञानिकों, इंजीनियरों को अपनी क्षमता का भरपूर इस्तेमाल करने पर जोर दिया, ताकि उपलब्ध संसाधनों का युक्तियुक्त उपयोग संभव हो सके ।
इस अवसर पर इस विषय में ल्याल पब्लिक स्कूल, जे.एन.वी. में कक्षा 5 से 8 तक के 250 बच्चों के लिए निबन्ध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसे बच्चों में इसके प्रति जागरूकता उत्पन्न हो सके ।
पैनल डिस्कशन
कार्यशाला में पैनल डिस्कशन में ग्राम-खारा, ग्राम पंचायत- हंसासर, तहसील- नोखा को जलग्राम चुना गया । कार्यक्रम के अन्त में सी.एम. चौधरी, अध्यक्ष, हमारा जल हमारा जीवन अभियान जिला बीकानेर ने कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।