– अनमोल कुमार
देश विदेश में रह रहे करोड़ों प्रवासी लोगों को अपने परिजनों को याद करने के लिए और संबंध को बेहतर बनाने के लिए 20 15 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (lDRF) द्वारा पारिवारिक प्रेषण दिवस मनाने का फैसला लिया गया या फैसला 16 जून 20 15 नदिया गया था ।
संपूर्ण विश्व में 800 मिलीयन परिवार हैं जिसमें 200 मिलियन प्रवासी परिवार शामिल है l परिवार से भावात्मक संवेदना व्यक्त करने और मधुर संबंध स्थापित करने के लिए इस दिवस की स्थापना की गई ।

देश-विदेश मेरा रहे प्रवासी लोगों की याद में महान गजल गायक पंकज उदास की गीत याद आती है …. चिट्ठी आई है आई है आई है चिट्ठी आई है बड़े दिनों के बाद, वतन की चिट्ठी आई है ।
आज भी इस गीत को सुनकर आंखें नम हो जाती है जमाना बदला है मोबाइल और इंटरनेट के जमाने में मानवीय भावना विलुप्त हुए और एकल परिवार की महत्वाकांक्षा बड़ी है ऐसे वक्त में पारिवारिक प्रेषण नितांत आवश्यक है ।