-भट्टारक जी की नसियां में रविवार झण्डारोहण से होगा शुभारंभ, 10 दिनों तक होगी सिद्धों की आराधना
जयपुर।धर्म नगरी छोटी काशी के नाम से विश्व विख्यात राजधानी में अपने 29 वर्षो के दीक्षा काल में पहली बार जयपुर में चातुर्मास कर रहे दिगंबर जैन संत आचार्य गुरुवर पुष्पदंत सागर महाराज के शिष्य, ज्ञानोपयोगी संस्कार प्रणेता, जीवन आशा हॉस्पिटल के प्रेरणास्त्रोत आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य और पंडित संदीप जैन के निर्देशन में नारायण सिंह सर्किल स्थित भट्टारक जी की नसियां में रविवार से 10 दिवसीय महाआयोजन 256 मंडलीय सिद्धचक्र महामंडल विधान एवं विश्व शांति महायज्ञ का भव्य आयोजन प्रारंभ होगा । सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन का जैन धर्म में अति महत्वपूर्ण स्थान है जो सिद्धों की आराधना करता है इस पूजन के माध्यम से उसके सारे कष्टों का निराकरण हो जाता है।
शुक्रवार को आचार्य सौरभ सागर महाराज ने बताया कि जैन धर्म में अनेकों आचार्यों, मुनियों, आर्यिका माताजी के सानिध्य में हर वर्ष सिद्धचक्र विधानमंडल पूजन का आयोजन होता है किंतु इस बार जयपुर में पहली बार 256 स्वतंत्र मंडलों को स्थापित कर यह पूजन करवाया जायेगा, इन 256 मंडलों में सोधर्म इंद्र, कुबेर, यज्ञ नायक जैसे 26 प्रमुख इंद्र रहेंगे। इसके अतिरिक्त समाजजनों के लिए 230 मंडलों की स्थापना अलग से की जा रही है जिसमें प्रत्येक परिवार अपने स्वतंत्र मंडल पर परिवारजनों सहित सिद्धचक्र विधान पूजन में भाग लेंगे। इसके अलावा एकल पूजार्थियों के लिए भी व्यवस्था रखी गई है। यह विधान पूजन कोई साधारण पूजन नही है इस पूजा में जैन धर्म के सभी तीर्थंकर भगवानों, सिद्ध भगवानों की आराधना, पूर्व और वर्तमान संतों तक की आराधना इत्यादि की जाती है, इसलिए इसे सिद्धचक्र विधान पूजन नाम दिया गया है।
श्री सौरभमयी सिद्धचक्र प्रभावना समिति अध्यक्ष आलोक जैन तिजारिया और मुख्य समन्वयक चेतन जैन निमोडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि जयपुर की धरा पर पहली बार 256 स्वतंत्र मंडलों की स्थापना के साथ सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन का आयोजन आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में 24 अक्टूबर तक चलने वाले इस आयोजन को लेकर पूरी तैयारियां संपन्न हो चुकी है। पूजन के लिए नसियां में विशाल पांडाल भी बनकर तैयार हो चुका है। इस आयोजन में जयपुर ही नहीं अपितु दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, मध्य प्रदेश इत्यादि प्रदेशों के श्रद्धालुगण भी पूजन में अपने परिवारजनों सहित भाग ले रहे है। 10 दिनों तक आयोजित होने वाले विधान पूजन में प्रतिदिन 1100 से अधिक श्रद्धालु सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन में अष्ट्र द्रव्यों के साथ जिनेन्द्र प्रभु की आराधना करेगे और अपने कर्मों के निर्जरा की प्रार्थना करेंगे। इस दौरान प्रतिदिन प्रातः आचार्य सौरभ सागर महाराज के प्रतिदिन प्रवचन होगे वहीं सायंकाल महाआरती एवं भक्ति संध्या सहित सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। बाहर से पधारने वाले श्रद्धालुओं की रहने व खाने की व्यवस्था आयोजन समिति की तरफ से रखी गई है। जयपुर की जिस कॉलोनी से बड़ी संख्या में श्रद्धालु सम्मिलित हो रहे हैं, उनके लिए भी समिति ने बस व्यवस्था भी रखी है। इस मौके पर महामण्डल विधान के बहुरंगीय पोस्टर का विमोचन किया गया। इस मौके पर पं संदीप जैन, आयोजन समिति अध्यक्ष आलोक जैन तिजारिया, मुख्य समन्वयक चेतन जैन निमोडिया, राजस्थान जैन सभा महामंत्री मनीष वैद, राजस्थान जैन युवा महासभा अध्यक्ष प्रदीप जैन लाला, अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू, वर्षायोग समिति समन्वयक गजेंद्र बड़जात्या, कोषाध्यक्ष धर्मचंद जैन, रीमा गोधा सहित विभिन्न पदाधिकारी उपस्थित रहे।
-गाजों-बाजों और जयकारों के साथ आचार्य सौरभ सागर महाराज का भट्टारक जी की नसियां में हुआ भव्य मंगल प्रवेश, श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा और आरती कर की अगवानी
प्रचार संयोजक अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि रविवार से प्रारंभ होने वाले विधान महामण्डल में अपना सानिध्य प्रदान करने के लिए आचार्य सौरभ सागर महाराज ने शुक्रवार को प्रातः 7.30 बजे जौहरी बाजार स्थित दिगंबर जैन मंदिर ठोलियान से विहार यात्रा प्रारंभ की। इस दौरान आचार्य श्री श्रद्धालुओं के साथ पद विहार करते हुए सांगानेरी गेट, न्यू गेट होते हुए अल्बर्ट हॉल पहुचें जहां से विशाल जुलूस के साथ त्रिमूर्ति सर्किल पर पहुंचे जहां पर आयोजन समिति, समाजसेवियों और जयपुर जैन समाज ने पुष्पवर्षा कर अगवानी की जिसके पश्चात बैंड – बाजों, लवाजमों और जयकारों के साथ यात्रा भव्य शोभायात्रा में तब्दील की गई और नाचते – गाते श्रद्धालुओं ने आचार्य सौरभ सागर महाराज का नसियां जी में मंगल प्रवेश संपन्न करवाया। नसियां जी के प्रवेश द्वार पर जयपुर की महिला मंडलों ने सिर पर मंगल कलश धारण कर आचार्य श्री की परिक्रमा लगा कर एवं मंगल आरती कर अगवानी की। प्रवेश के बाद सर्व प्रथम आचार्य श्री ने मंदिर जी में जिनेन्द्र प्रभु के दर्शन किए। उसके बाद विशाल धर्मसभा को संबोधित किया। समाज सेवी ज्ञान चंद झांझरी, ओम प्रकाश काला, विनोद तिजारिया, रमेश चंद जैन तिजारिया, धर्मचंद पहाड़िया, जितेंद्र गंगवाल जीतू, कमलेश जैन, महेंद्र जैन, दुर्गालाल जैन नेता, गजेंद्र बड़जात्या, सुनील साखुनियां, महेश सेठी, बाबूलाल जैन इटुंदा इत्यादि सहित आचार्य सौरभमयी सिद्धचक्र प्रभावना समिति, श्री पुष्प वर्षायोग समिति, जयपुर जैन समाज सहित विभिन्न जैन समाज के संगठन, महिला मंडल, युवा मंडल, राजस्थान जैन युवा महासभा, अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ, वीर सेवक मंडल, मुनि संघ व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों, समाजबंधुओं आदि बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।