नई दिल्ली,(दिनेश”अधिकारी”)। उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ तथा जनपद न्यायाधीश मथुरा विवेक संगल के निर्देशानुसार न्यायधीश सुश्री सोनिका वर्मा, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन ए.डी.आर. भवन, न्यायालय, मथुरा परिसर में किया गया। बैठक में 02 अक्टूबर से दिनांक 14 नवम्बर तक “आजादी के अमृत महोत्सव “के दौरान विभिन्न विधिक सेवा कार्यक्रम आयोजित किये जाने के सम्बंध में बैठक में श्री बलराम कुमार, जिला विकास अधिकारी, मथुरा तथा श्रीमती किरन चौधरी, जिला पंचायत राज अधिकारी, मथुरा द्वारा प्रतिभाग किया ।
उक्त बैठक में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशन में सम्पूर्ण भारतवर्ष में प्रशासनिक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, समाज सेवी संस्थाओं आदि के सहयाग से कस्बे व गाँव तक विधिक सेवा गतिविधियों के सम्बंध में व्यापक जागरूकता फेलायी जाने हेतु, जन-सामान्य तक विधिक सहायता योजनाओं, कल्याणकारी शासकीय योजनाओं तथा राज्य एवं केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही अन्य योजनाओं के सम्बंध में जानकारी प्रदान किये जाने हेतु जागरूकता शिविरों का आयोजन किये जाने के लिए तथा विभिन्न माध्यमों से लोगो को जागरूक किये जाने हेतु विचार-विमर्श किया गया। उपस्थित अधिकारीगण द्वारा दिनांक 02 अक्टूबर से 14नवम्बर तक जिले में आयोजित कार्यक्रम की सूची तैयार कर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा को प्राप्त कराये जाने हेतु कहा गया। उपस्थित अधिकारीगणों द्वारा उपरोक्त कार्यक्रम को सफल बनाये जाने हेतु पूर्ण सहयोग करने तथा विधिक सेवा कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार-प्रसार करने हेतु आश्वासन दिया गया।
– निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर, जिला कारागार मथुरा का हुआ आयोजन
नई दिल्ली,(दिनेश”अधिकारी”)। उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ तथा माननीय जनपद न्यायाधीश, मथुरा विवेक संगल के निर्देशनुसार कोविड-19 को दृष्टिगत रखते हुए जिला कारागार, मथुरा का निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। इस निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता न्यायधीश सुश्री सोनिका वर्मा, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा द्वारा की गयी। इस अवसर पर जिला कारागार मथुरा के अधीक्षक श्री बृजेश कुमार, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा0 उपेंद्र सोलंकी, जेलर श्री महाप्रकाश सिंह, डिप्टी जेलर संदीप कुमार व अनूप कुमार, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा नियुक्त जेल विजिटर ताराचन्द, पैनल अधिवक्ता अरविन्द कुमार व नीरज राठौर एड0 आदि उपस्थित रहे । निरीक्षण दौरान डिप्टी जेलर श्री संदीप कुमार द्वारा बताया गया कि आज जिला कारागार, मथुरा में 1801 बंदी निरूद्ध हैं, जिनमें 1670 पुरूष बंदी, 86 महिला बंदी तथा 45 अल्पवयस्क बंदी निरूद्ध हैं। सर्वप्रथम जिला कारागार, मथुरा में स्थित अस्थाई कारागार का निरीक्षण किया गया।इस बैरक में निरूद्ध बंदियों से वार्ता की गई तथा उन्हें निशुल्क पैरवी हेतु अधिवक्ता की आवश्यकता के सम्बंध में पूछा गया, बंदियों द्वारा बताया गया कि सभी के व्यक्तिगत / सरकारी अधिवक्ता मौजूद हैं। कुछ बंदियों द्वारा बताया गया कि उनकी तारीख नहीं आ रही है, जिस सम्बंध में जेल प्रशासन को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये। इस बैरक में पी.सी.ओ. की सुविधा लगी पाई गई । तत्पश्चात् पाकशाला (रसोईघर) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दौरान एक बड़ी इलेक्ट्रोनिक मशीन द्वारा रोटियाँ सेकी जा रहीं थीं। पाकशाला में साफ-सफाई पाई गई ।
महिला एवं पुरूष बंदियों को आज प्रात: नाश्ते में चाय, गुड व साबुत चना दिया गया था तथा दोपहर के भोजन में उर्द छिलका की दाल, रोटी, आलू-पालक की सब्जी दी गई। सांयकाल के भोजन में रोटी, लाल मसूर की दाल, आलू-बैगन की सब्जी दी जायेगी, जिसकी तैयारी कुछ बंदियों द्वारा की जा रही थी। जेलर द्वारा बताया गया कि प्रत्येक बैरक के लिए नये हॉटकेस लिये गये हैं। जिला कारागार चिकित्सालय का निरीक्षण दौरान पाया गया कि इस चिकित्सालय में 48 बंदी मरीजों का ईलाज किया जा रहा है। सभी बंदी मरीजों से पृथक-पृथक वार्ता की गई व सभी के स्वास्थ व ईलाज के बारे में चिकित्सक से जानकारी ली गई। इस चिकित्सालय में बंदी मरीजों के मनोरंजन हेतु एक टी.वी. लगी है, जोकि निरीक्षण दौरान बंद थी।
स्वच्छ पानी हेतु एक आर.ओ. लगा पाया गया। गर्मी से बचने हेतु बदियों के लिए कूलर व पंखे लगे पाये गये। चिकित्सालय के समक्ष स्थापित डेन्टल क्लीनिक में निरीक्षण दौरान के.डी. डेन्टल कॉलेज, मथुरा के 04 चिकित्सकों की टीम एक बंदी का ईलाज करती हुई पाई गई। इसके अतिरिक्त बैरक संख्या-07, लीगल एड क्लीनिक, पुस्तकालय, सिलाई प्रशिक्षण केन्द्र, जेल एफ.एम. रेडियो केन्द्र आदि स्थलों का निरीक्षण किया गया व आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये। बंदियों द्वारा खाने-पीने की कोई समस्या होना नहीं बताया गया। बैरकों व जेल परिसर में साफ-सफाई पाई गई। निरीक्षण उपरान्त जिला कारागार, मथुरा में एक विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें जेल विजिटर ताराचन्द एडवोकेट द्वारा बंदियों के अधिकारों व धारा 156(3) के सम्बंध में जानकारी दी गई। पैनल अधिवक्ता नीरज राठौर द्वारा बंदियों द्वारा अच्छा व्यवहार करने व अच्छे नागरिक बनने पर जोर दिया गया। जेल अधीक्षक बृजेश कुमार द्वारा संवेधानिक अधिकारों व कर्तव्यों के सम्बंध में बताते हुए कहा कि कानून किसी के साथ भेदभाव नहीं करता। व्यक्ति गरीब हो या अमीर, सजा सभी के लिए बराबर है। अधीक्षक द्वारा कानून का अधिकार, सकारात्मक सोच आदि पर विस्तृत रूप से बताया गया।
विधिक साक्षरता शिविर की अध्यक्षता करते हुए सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा प्ली-बार्गेनिंग, गिरफ्तारी के अधिकार, वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार, निःशुल्क विधिक सहायता, धारा 436(ए), कोविड-19 आदि विषयों पर जानकारी देते हुए बताया गया कि गरीब व्यक्ति गिरफ्तारी के समय अपने लिए अधिवक्ता की माँग कर सकता है। गिरफ्तार व्यक्ति का मेडीकल कराना अनिवार्य है। यदि किसी बंदी को कोई समस्या हो तो वह प्रतिदिन जिला कारागार में उपस्थित होने वाले जेल विजिटर अथवा पैनल अधिवक्ता को अवगत करा सकता है। अपील के लिए वह अपना प्रार्थनापत्र जेल अधीक्षक के माध्यम से प्रस्तुत कर सकता है। निरीक्षण दौरान उपस्थित बंदीगण व जेल प्रशासन को सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, मथुरा सुश्री सोनिका वर्मा द्वारा कोरोना के प्रकोप को दृष्टिगत रखते हुए बताया गया कि इस महामारी के दौर में माननीय उच्च न्यायालय तथा केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन करना हम सबका कर्तव्य है और सर्वहित के लिए मास्क, सेनेटाइजर का प्रयोग व सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें तथा समय-समय पर हाथ धोते रहें । निरीक्षण एवं विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित बंदियों से वार्ता की गयी तथा उनके द्वारा बतायी गयी समस्या के समाधान हेतु जेल अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये गये ।
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