दिल्ली। 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने वाली है। सरकार ने इस वित्त वर्ष (2021) के लिए कुछ बड़े बदलावों की योजना बनाई है। बजट 2021 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मिडिल क्लास और सैलरीड क्लास को इनकम टैक्स में किसी तरह की कोई राहत नहीं दी हैं। लेकिन जिन लोगों की उम्र 75 साल से ज्यादा है उन्हें इस बार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने से राहत दे दी गई थी। इसके साथ ही जो लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला किया गया है। ये सभी बदलाव 1 अप्रैल 2021 से लागू हो जाएंगे।

*ITR नहीं फाइल किया तो होगा नुकसान* – साथ ही नए वित्तीय वर्ष से टीडीएस (TDS) बदल जाएगा। 1 अप्रैल से अगर कोई व्यक्ति इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं करता है, तो बैंक जमा पर TDS की ब्याज दर दोगुनी हो जाएगी। इसका मतलब यह है कि अगर कोई व्यक्ति इनकम टैक्स आउटगो स्लैब में नहीं आता और वह आईटीआर भी फाइल नहीं करता तो उसपर टीडीएस की दर दोगुनी हो जाएगी।

– ITR को लेकर सरकार का नया नियम

– नए नियम के बारे में बात करते हुए, SEBI रजिस्टर्ड और इनवेस्टमेंट एक्सपर्ट जितेंद्र सोलंकी (Jitendra Solanki) ने हमारी सहयोगी वेबसाइट DNA से बताया कि केंद्र सरकार ने ITR फाइल करने को बढ़ावा देने के लिए TDS के नियमों को उन लोगों के लिए कड़ा कर दिया है जो ITR फाइल नहीं करते। इसके लिए सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट में सेक्शन 206AB को जोड़ दिया है। इसके मुताबिक अब ITR फाइल नहीं करने पर 1 अप्रैल, 2021 से दोगुना TDS देना होगा। नए नियमों के मुताबिक, जिन लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, उनपर टैक्स कलेक्शन ऐट सोर्स भी ज्यादा लगेगा। नए नियमों के मुताबिक, 1 जुलाई 2021 से पीनल TDS और TCS दरें 10-20 फीसदी होंगी जो कि आमतौर पर 5-10 फीसदी होती हैं, ITR दाखिल नहीं करने वालों के लिए TDS और TCS की दर, 5 फीसदी या तय दर, जो भी ज्यादा हो, उससे दोगुनी हो जाएगी।