जयपुर। जैन समाज अहिंसक समाज है और जैन साधु अहिंसा का सबसे बड़े प्रचारक है जो देशभर में घूमते, फिरते हुए और चातुर्मास के दौरान भी अहिंसा का प्रचार करते है किंतु बुधवार को कर्नाटक के चिकोड़ी से लापता हुए जैनाचार्य काम कुमार नंदी महाराज को भी अहिंसा के प्रचार में हिंसा का शिकार होना पड़ा। आचार्य काम कुमार नंदी चिकोड़ी में थे बुधवार को वह लापता हुए तो गुरुवार को चिकोड़ी समाज ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में दर्ज करवाई, उसके बाद जांच पड़ताल हुई और कुछ लोगों को हिरासत में लिया गया तो उन्होंने आचार्य की निर्मम हत्या की बात कबूली और उनके शव के टुकड़े कर फेकने की बात कबूली। अब जैसे समाज बंधुओ को इस घटना की जानकारी मिली तो संपूर्ण भारत के जैन समाज में यह खबर आग की तरह फैल गई और समाज में आक्रोश फैल गया। अब जैन समाज ” कर्नाटक के मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग कर रहे है और साथ ही साथ आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे है। ” अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ ने कर्नाटक सरकार से मांग की है की आरोपियों ने किन मसूबों को ध्यान में रखकर आचार्य श्री की हत्या की है उसका खुलासा किया जाए और समाज को बताया जाए। आरोपी कौन है इसका खुलासा किया जाए और जांच निष्पक्ष किए जाने की मांग की। ” यह केवल जैन आचार्य की हत्या नही बल्कि जैन समाज की आस्था पर कड़ा प्रहार है, जिसे समाज कभी स्वीकार नही करेगा। “

जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की आचार्य काम कुमार नंदी महाराज गणाचार्य कुंथु सागर महाराज के शिष्य है। वह 15 वर्षो से एक ही धाम पर विराजमान थे। यह कोई नही सोच सकता इतने वर्षो तक एक धाम पर विराजमान रहकर भी कोई उनकी हत्या कर सकता है। जिस प्रकार जैनाचार्य की हत्या को अंजाम दिया गया है उससे देश की आस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा है, हो ना हो यह सुनियोजित षडयंत्र है जिसके चलते जैन समाज की आस्था को ठेस पहुंचाई जा सके। ” भारत एक धर्म प्रधान देश है जब इस देश में धर्म के प्रचारक साधु – संत ही सुरक्षित नही है तो समाज और आम लोगों की क्या दुर्दशा हो रही होगी। ” यह घटना इस बात का खुलासा कर रही है।

अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की अभी ही कुछ ही माह पूर्व कर्नाटक में चुनाव संपन्न हुए है और राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है, चुनावों के दौरान कांग्रेस ने पब्लिक सुरक्षा को बेहतर बनाने का दावा किया था। किंतु अब सत्ता में बैठकर कांग्रेस अपने दावों की भूल गई और अब सरकार के दावों की पोल खुल गई है। अगर कर्नाटक सरकार ने मामले पर गंभीरता नही दिखाई तो संपूर्ण देशभर का जैन समाज कर्नाटक सरकार को गंभीरता से लेगा। जानकारी के अनुसार आचार्य काम कुमार नंदी का 5 जुलाई को अपहरण हुआ था। आरोपी उन्हे अज्ञात स्थान ले गए और शनिवार को उनकी हत्या की सूचना भी पुलिस प्रशासन द्वारा मिली। अभी तक पुलिस जैनाचार्य के हाथ व पैरों को ही एक जगह से बरामद कर पाई है और दो लोगों को भी हिरासत में लिया गया है, जांच में आरोपियों का कहना है कि हमने शरीर के टुकड़े करके इधर-उधर डाले थे। मामले की अभी जांच चल रही है। इसकी पूरे घटनाक्रम की जानकारी ने पूरे जैन समाज को स्तब्ध कर दिया है जैन संतों के पद विहार और प्रवास में हो रही असुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी और जवाबदेही पर बड़े सवाल खड़े कर रही है।