अभी सरकार की कमाई टैक्स, सर्विस टैक्स, लग्जरी टैक्स, इनकम टैक्स, सेल्स टैक्स, आबकारी टैक्स, जीएसटी, टोल, रजिस्ट्रेशन स्टैंप ड्यूटी, जैसे और भी कई जनता पर लगने वाली फीस या सरचार्ज। शायद सरकार का यह मानना हो कि आम जनता अच्छी कमाई कर सकता है इसलिए इन्ही से ही पैसा लिया जाए और सरकार चलाई जाए। सरकार में शामिल कई नेता मौके बेमौके के सभी बिजनेस आवंटन खुद करा लेते हैं जैसे गैस वितरण पेट्रोल पंप आदि। एक सर्वे यह बताता है कि देश के नेता और अधिकारी इन लोगों की पूरी ईमानदारी से जांच की जाए तो इतना धन तो मिल ही जाएगा कि सरकार बिना टैक्स लिए सब के सब काम कर सकेगी। अब सवाल यह आता है कि सरकार के आगे कौन। यहां तो यह भी डर रहता है कि सरकार के खिलाफ यदि कुछ कहा तो कभी भी निपट जाएंगे। बदले की भावनाओं से सभी पार्टियां ओतप्रोत स्त्रोत भरी हुई है जिसको जब मौका मिलेगा एक दूसरे को लिफ्ट निपटाएंगे। सरकार खनिज, केमिकल्स एक्सपोर्ट कर अच्छी कमाई कर सकती है। बहुत सारे सभी फील्ड के इंस्टीट्यूट्स खोलकर बाहर से आने वाले विद्यार्थियों की फीस से अच्छी कमाई हो सकती है। सरकार कहीं खर्चों में कटौती कर सकती है जिससे काफी पैसा बच सकता है लेकिन जब तक सरकार में भ्रष्टाचार, सेवा शुल्क वसूली, चमचागिरी एक दूसरे को फायदा देने की नीति रहेगी देश कभी तरक्की नहीं कर सकेगा।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)

