जयपुर. कोरोना की चपेट में राजधानी का पोल्ट्री उद्योग आ गया है। पोल्ट्री उद्योग की हालत तो इतनी खस्ता हो गई है कि दुकानदारों को बचा-खुचा माल कोडिय़ों के दाम निकालना पड़ रहा है।


इसके बावजूद भी ग्राहकी नहीं हो रही है। दुकानदारों का कहना है कि अभी तो दुकान का किराया भी नहीं निकल पा रहा है। ऐसे में काम करने वाले आदमी को वेतन देना तो दूर की बात हो गई है।पोल्ट्री उद्योग: 60 रुपए में बिक रहा 160 का माल अनुमान के मुताबिक शहर में लोग रोज एक लाख से ज्यादा मुर्गे चट कर जाते हैं। कोरोना का भय सामने आने के बाद यह तादाद 50-60 हजार ही रह गई है। जयपुर के जामडोली, अजमेर से ज्यादातर मुर्गे आते हैं। वहां से माल आ रहा है, लेकिन दुकानों पर खरीदने वाले ही नदारद हैं।


शहर में दस दिन पहले जो चिकन 160 रुपए में मिल रहा था, वह अब मात्र 60 से 80 रुपए प्रति किलो रह गया है। इस व्यवसाय में हजारों लोग लगे हैं। ऐसे में उनका रोजगार छिनने का खतरा पैदा हो गया है।दुकानदार बोले-माल नहीं बिक रहा लुहारों के खुर्रे के व्यवसायी अमीन ने बताया कि भावों में गिरावट के बाद भी माल नहीं बिक रहा है। बाजार में इस गिरावट के चलते अब दुकान का किराया भी नहीं निकल पा रहा है। वहीं अमीन चिकन सेंटर के मोहम्मद जकरिया ने बताया कि हमने पूरे साल का कॉट्रेक्ट दे रखा है। माल तो उसी कीमत पर उतना ही मिल रहा है, लेकिन बिक्री में 30 से 40 फीसदी की गिरावट आ गई है।
