ओम एक्सप्रेस – भिवानी – रिपोर्ट
खुडाना में प्रस्तावित इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) को शीघ्र पूरा कराने, नष्ट हुई कपास की फसल का मुआवजा के लिए पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की ! मुलाकात के बाद पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि महेंद्रगढ़ के गांव खुडाना में लगभग 1500 एकड़ में आईएमटी स्थापित की जानी है। लगभग 200 करोड़ रुपये से इस पर खर्च किए जाने हैं। आईएमटी के मुख्य रास्ते वाली जमीन से हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय मात्र एक से डेढ़ किलोमीटर दूर है। नारनौल-महेंद्रगढ़- चरखी दादरी स्टेट हाईवे के दो किलोमीटर अंदर आईएमटी की जगह प्रस्तावित है।
उन्होंने कहा कि खुडाना में आईएमटी स्थापित होने पर क्षेत्र के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खुल जाएंगे। यहां के पढ़े लिखे नौजवानों को नौकरी के लिए धारूहेड़ा, रेवाड़ी, मानेसर, गुरुग्राम, फरीदाबाद नहीं पड़ेगा। क्षेत्र से दो से तीन हजार से अधिक युवा इन शहरों में स्थित कंपनियों में काम करते हैं। आईएमटी विकसित होने के बाद 50 हजार युवाओं को रोजगार मिलने के आसार हैं।पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार के मंडियों में मार्केट फीस 4 प्रतिशत से घटा कर केवल 1 प्रतिशत करने के फैसले का स्वागत है। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि अब किसान जहां चाहे अपनी फसल को बेच सकते हैं। इस मामले में किसान अब पूरी तरह से स्वतंत्र है। उन्होंने कहा कि मंडी व्यवस्था में किसी भी तरह का कोई परिवर्तन होने वाला नहीं है। यह पहले की तरह ही चलती रहेगी। मंडी के आढ़तियों को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होगा।पूर्व शिक्षा मंत्री प्रोफेसर रामबिलास शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा रबी फसलों की एमएसपी में की गई बढ़ोतरी बहुत ही सराहनीय फैसला है। वर्ष 2020-21 के समर्थन मूल्य काफी बढ़ा दिए गए है। गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से किसानों को बड़ा लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि एमएसपी में की गई बढ़ोतरी से किसानों को अब और अधिक शक्ति प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि सरकार का फैसला किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार किसानों का अहित करने की सोच भी नहीं सकती है। किसान देश का अन्नदाता है और उसके भले के लिए ही केंद्र सरकार ने कृषि अध्यादेश लाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि किसान हमेशा जागरुक रहा है। वह अपने नफा-नुकसान की बात अच्छी तरह से समझता है। यही कारण है कि देशभर के किसानों ने अध्यादेशों के पक्ष में सरकार के समक्ष अपना पक्ष रख दिया है।