– श्रीकोलायत पंचायत समिति क्षेत्र में महानरेगा अन्तर्गत 7 करोड़ 54 लाख के कार्य स्वीकृत

– जल संरक्षण के अन्तर्गत क्षेत्र के राजस्व गावों में होगे तलाई खुदाई के कार्य।

बीकानेर/जयपुर,12 मई। (ओम एक्सप्रेस) उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने बताया है कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण उत्पन्न असामान्य परिस्थितियों, लाॅक डाउन के कारण श्रमिक वर्ग सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, इसलिये श्रमिक वर्ग को ग्राम स्तर पर ही रोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध करवाए जावें । इसी कड़ी में श्रीकोलायत पंचायत समिति क्षेत्र में महानरेगा योजना अन्तर्गत प्रथमतः 7 करोड़ 54 लाख के कार्यो की स्वीकृति जारी की गई है।

स्थानीय स्तर पर ग्राम में ही मिलेगा रोजगार: मंत्री भाटी ने बताया कि प्रारम्भ में क्षेत्र के 56 राजस्व ग्रामों में तलाई/नाड़ी/नहर खुदाई, पायतान सुधार आदि कार्य स्वीकृत करवाएं गयें है। यहां श्रमिक पंचायत में जाकर अपना आवेदन कर 100 दिन प्रतिवर्ष के अन्तर्गत रोजगार प्राप्त कर सकेगा। इस प्रकार उसे स्थानीय स्तर पर ही रोजगार उपलब्ध होने से श्रमिकों के पलायन पर रोक लगेगी वहीं उनकी आर्थिक स्थिति में भी सुधार होगा, गौरतलब है, गत दिनो ही राज्य सरकार ने महानरेगा श्रमिकों के दैनिक मानदेय में बढोतरी की स्वीकृति भी प्रदान की है।

जल संरक्षण कार्यो को प्राथमिकता:- उच्च शिक्षा मंत्री भाटी ने बताया कि इन कार्यो की स्वीकृति में क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थिति स्थानीय मांग के आधार पर जल संरक्षण के कार्यो के अन्तर्गत तलाई/नाड़ी खुदाई, पायतान सुद्धढिकरण को प्राथमिकता दी गई है, जिससे आगामी मानसून से पूर्व जल संग्रहण हेतु पर्याप्त आधार उपलब्ध हो पायेगा, जिससे ग्रामों में जलाभाव संकट से जुझने में भी मदद मिलेगी।
रोजगार अवसरो का शीघ्र होगा विस्तार:- उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि उन्होंने जिला कलक्टर को निर्देशित किया है कि महानरेगा योजना के माध्यम से जिले के सभी ग्रामों में श्रमिकों को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर उपलब्ध करावायें ताकि महाबंदी के दौरान श्रमिकों को किसी प्रकार की आर्थिक कठिनाई का सामना न करना पड़े, साथ ही उन्होंने प्रत्येक कार्य स्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क, सैनिटाईजर, स्वच्छता एवं लाॅक डाउन नियमों की पूर्ण पालना सुनिश्चित हो।
उच्च शिक्षा मंत्री भाटी ने कहा कि वे राज्य सरकार स्तर पर भी पूर्ण प्रयास कर रहे है कि क्षेत्र मेे अधिकाधिक श्रमिकों को महानरेगा के साथ-साथ ही खनन, ईंट भट्टा एवं औद्योगिक इकाईयों में भी रोजगार उपलब्ध हो सकें।

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