विंटर स्कूल का उद्घाटन सत्र आयोजित, तीन राज्यों के कृषि वैज्ञानिक निभा रहे भागीदारी
बीकानेर, 12 दिसम्बर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा प्रायोजित विंटर स्कूल ‘डिजिटल न्यूट्रिगेशन फोर रिसोर्स कंजर्वेशन इन एरिड एग्रो सिस्टम’ का उद्घाटन सत्र गुरुवार को मानव संसाधन विकास निदेशालय सभागार में आयोजित हुआ।
अध्यक्षता करते हुए स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह ने कहा कि घटता भूजल स्तर तथा बढ़ती जनसंख्या चिंता का विषय है। ऐसे में कृषि के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग जरूरी है, जिससे आय व पैदावार बढ़े। उन्होंने कहा कि इसमें सूचना प्रौद्योगिकी एवं डिटिजल तकनीक की भूमिका भी महत्वपूर्ण है। किसान इसका भरपूर लाभ उठाएं, ऐसे प्रयास हों। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए कृषि वैज्ञानिकों के लिए यह प्रशिक्षण लाभदायक सिद्ध होगा।
पूर्व कुलपति प्रो. बी. आर. छीपा ने कहा कि प्रत्येक वैज्ञानिक कम से कम पांच किसानों तक डिजिटल तकनीक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि आज अनेक तकनीकें इजाद हो चुकी हैं। किसान इनका उपयोग करेगा तो उन्हें अधिक लाभ होगा। जोधपुर कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एल. एन. हर्ष ने कहा कि कृषि वैज्ञानिकों के लिए समय-समय पर ऐसे प्रशिक्षण होने चाहिए, इससे उन्हें नए विषयों को सीखने के अवसर मिलते हैं।
पाठ्यक्रम प्रभारी डाॅ. वाई. सुदर्शन ने कहा कि विंटर स्कूल में राजस्थान के अलावा गुजरात और मध्यप्रदेश के कृषि वैज्ञानिक भाग ले रहे हैं। यह 26 दिसम्बर तक चलेगी। इस दौरान विशेषज्ञों के व्याख्यान, फील्ड विजिट और प्रायोगिक कार्य होंगे। कृषि अनुसंधान केन्द्र के क्षेत्रीय निदेशक डाॅ. पी. एस. शेखावत ने आभार जताया। इस दौरान विभिन्न डीन-डायरेक्टर मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन विवेक व्यास ने किया।