

त्रिवेणीगंज(सुपौल)। जिले के राघोपुर प्रखण्ड क्षेत्र के चंपानगर पंचायत में लोग स्वास्थ्य सेवाओं के अभाव में दम तोड़ रहे हैं। पंचायत के सातनपट्टी -कोरियापट्टी गांव वार्ड 7 में अवस्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जर्जर व अतिक्रमण के शिकार है। इसका निर्माण लगभग 60 के दशक हुआ था लेकिन अब जमींदोज हो गया है।
वर्षों से कोई चिकित्सा कर्मी भी केंद्र के तरफ झांकते तक नही है, जिसका परिणाम यह है कि कोरोना काल में छोटी -मोटी बीमारी को लेकर भी पंचायत वासियों को लगभग 15 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रखण्ड मुख्यालय राघोपुर आना-जाना पड़ता है। एक लाख से अधिक आबादी क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाओं का अभाव देखते हुए यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर बनाया था। मगर कई वर्षों से इस सेंटर में सुधार तो दूर कोई आलाधिकारी देखने तक नही आया है।
राघोपुर प्रखण्ड के इस क्षेत्र में चंपानगर पंचायत ही नहीं आसपास के सैकड़ों गांव ऐसे हैं, जहां लोगों को बिल्कुल भी स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल रहा है। मजबूरी में लोगों को झोलाछाप डॉक्टरों से दवाएं लेकर घरों में इलाज कराने को मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसे में गांवों में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ रहा है, लेकिन इसकी परवाह किसी को नहीं है। डीएम से लोगों ने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जर्जर भवन को दुरुस्त करा कर डॉक्टर व सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की है।


चंपानगर पंचायत के स्थानीय ग्रामीणों व जानकारों का कहना है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के जर्जर भवन व कर्मचारियों के नही होने के कारण आम लोग व आर्थिक रूप के कमजोर लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही। सरकार को इस तरफ ध्यान देना चाहिए। लोगों को झोलाछाप उॉक्टरों का सहारा लेना पड़ रहा है। महामारी में लोग जान गवां रहे हैं। यदि सरकार व प्रशासन का ध्यान ऐसा रहा तो महामारी विकराल रूप ले सकती है। सरकार की स्वास्थ्य सेवा पूरी तरह से फेल हो रही है। ग्राम पंचायत द्वारा तत्काल प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में लाखों रुपये की लागत से भवन निर्माण व चारदीवारी सहित अन्य कार्य करवाये जाए, जिससे लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।
