सबसे ज्यादा 7 अवार्ड्स जीतने वाली कुंडालू फिल्म की स्क्रीनिंग 13 फरवरी को 3 PM बजे. ये फिल्म का पहला प्रीमियर है. जयपुर वाले देखेंगे पहला शो विश्व में पहली बार। फिल्म की पूरी टीम फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद रहेगी।

जयपुर, : ये नहीं देख्या तो कुछ नहीं देख्या की थीम पर चल रहे जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल – जिफ में इस बार विश्व की बेतरीन फिल्मों ने दर्शकों को अलग रंग में रंगते हुए भाव विभोर कर दिया है. सोमवार को राजस्थान से संजय मिश्रा के अभिनय से सजी हिंदी फिल्म चल जिंदगी ने दर्शकों को गुदगुद किया तो बंगाली फिल्म खेरवाल ने दर्शकों को एक शमें में बाँध लिया.

खेरवाल एक बंगाली फिल्म है जिसको सर्वोत्तम रिलीज़ फ़िल्म/सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के लिए रेड रोज़ पुरस्कार (बिंदु रबी बास्की – पिता)/सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा/सर्वश्रेष्ठ सिनेमैटोग्राफी पुरस्कार जिफ में जीते हैं. फिल्म की कहानी में नॉर्वेजियन शिक्षाविद सैमुअल की संथाली गांव में मौत हो जाती है। बिंदु सैमुअल की आखिरी इच्छा उसे गांव में दफनाना चाहती है। टूटे दिल और टूटे सपने के साथ बिंदु के पांच साल के बेटे खेरवाल ने नॉर्वे जाने का नया रास्ता तलाशना शुरू कर दिया, जिसका वादा सैमुअल ने किया था।

एंड्र्यू ने सिखाये एक्टिंग के गुर.

जिफ में उनके काम की झलक को दो शोर्ट मूवीज “हु इस द कीपर”, और “ओशन ब्लू” में देखा गया। “हू इस द कीपर” में वे डबल रोल में नज़र आये हैं, दोनों किरदार एक हास्यास्पद नोंक झोंक करते हैं। जबकि “ओशन ब्लू” में वे एक वृद्ध की भूमिका में हैं जिसे एक महिला द्वारा गाने बजाकर और गा कर चीयर किया जाता है। स्क्रीनिंग के बाद वे एक वर्कशॉप करवाते हैं जिसमें ऑडियंस से एक्ट कराते हैं। एक्ट में वे टकराव, प्रेम, भरोसा टूटने, हंसी, सिचुएशनशिप आदि इमोशंस को समझाते हैं। सभी ऑडियंस को ऐक्टिंग सीखने और समझने मिली। एंड्रयू ने कई ऐक्टिविटीज़ के ज़रिए सबको कनेक्ट करने की कोशिश की। वे क़हते हैं कि ऐक्टिंग से पहले एक-दूसरे को जानने के लिए कम्युनिकेशन से जुड़ना चाहिए।

क्या कह रहे हैं फिल्म देखने वाले

माखन लाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविधालय के छात्र कहते हैं जिफ में फिल्मों के सलेक्शन ने हमें जयपुर तक खींच लाया है. क्या उम्दा और लाजवाब फ़िल्में देखने को मिल रही है.

जयपुर में पढ़ रही विद्यार्थी तितिक्षा कहतीं हैं कि फ़िल्म “डर के आगे जीतू है”, ने उन्हें खूब हंसाया और जीतू नाम के किरदार ने उन्हें लुभाया । ये फ़िल्म बच्चों को ज़रूर देखनी चाहिए। कहानी बहुत रोचक अन्दाज़ में सोशल मेसेज देती है।

राजस्थानी फ़िल्म “डर के आगे जीतू है” देखने आयी जयपुर निवासी महिला अपने बच्चे को स्पेशली इस फ़िल्म के लिए लेकर आई थी। जिससे वह राजस्थानी भाषा को जान सके और फ़िल्म के ज़रिए वह अपने डर को जीतना सीख सके।

सबसे ज्यादा अवार्ड जितने वाली गुजराती फिल्म कुंडालु.

मंगलवार को 3 बजे दिखाई जाएगी जिफ में सबसे ज्यादा अवार्ड जीतने वाली गुजराती फिल्म कुंडालु। इस फिल्म ने सबसे ज्यादा 7 अवार्ड्स जिफ में जीते हैं। स्क्रीनिंग 13 फरवरी को 3 बजे होगी आयनॉक्स जी टी में होगी। ये फिल्म का पहला प्रीमियर है. जयपुर वाले पहली बार बार पुरे विश्व में इसका पहला शॉ देखेंगे। फिल्म की पूरी टीम फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद रहेगी।

कुंडालू उत्तरी गुजरात (भारत) के ग्रामीण जीवन का चित्रण है, जहां समाज में विवाह का अत्यधिक महत्व है। मंगू एक गरीब अनाथ महिला है, और विकास बोलने में अक्षम व्यक्ति है; जिनके रास्ते एक दूसरे से मिलते हैं लेकिन घटनाओं के दुखद मोड़ से टूट जाते हैं। हम उनकी यात्रा का अनुसरण करते हैं, क्योंकि वे अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों से बंधे समाज की कठोर सीमाओं के भीतर, मूक, अनदेखी और उपेक्षित होकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं।

फिल्म ने जिफ 2024 में वैश्विक संदेश देने वाली फिल्म के रूप में ग्रीन रोज/वर्ल्डप्रीमियर के लिए यलो रोज /सर्वश्रेष्ठ ध्वनि और संपादन/सर्वश्रेष्ठ सिनेमोटोग्राफी/सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन/सर्वश्रेष्ठ संगीत/सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन के अवार्ड जीते हैं.

फिल्म का निर्देशन रोहित गणेश प्रजापति ने किया है. फिल्म की कास्ट में वैभव बिनीवाले, हैप्पी भावसार नायक, सोनाली लेले देसाई, स्वयं गढ़वी, ध्रुव पंडित, शिल्वा पांचाल और यश भागवत है. संगीत विपुल बारोट और स्वयं गढ़वी का है और पार्श्व गायिका भूमि त्रिवेदी हैं.

12 फरवरी दिखाई गई फिल्में –

चल जिंदगी, नामी’ डांस विद गॉड, ए वाइफ्स लेम्नेट, मैं थानसु दुर नहीं, खेरवाल, गो थ्रू द डार्क और ईस्पिन, ओह सो टेरीबल की स्क्रीनिंग हुई.

13 फरवरी को दिखाई जाने वाली फ़िल्में –

मेरे करम, गौरव पंजवानी की वेब सीरीज क्रॉस रोड, ए पीस ऑफ़ लिबर्टी, डांसिंग विथ अननोन, एक गांव दिशा की और, कुंडालु, आंगन,

ब्यांव, फाइन लाइन, वोटिंग फॉर कल्की, लॉस्ट डोल दिखाई जाएगी.

13 फरवरी को

गुजराती सिनेमा: ऑस्कर में नॉमिनेशन के बाद के हालातों पर चर्चा होगी