जिफ में सबसे ज्यादा 7 अवार्ड्स जीतने वाली गुजराती फिल्म कुंडालू की स्क्रीनिंग के दौरान फिल्म की पूरी टीम मौजूद रही.

गौरव पंजवानी की वेब सीरीज क्रॉस रोड ने बटोरी सुर्खियां
जिफ 2025 का आयोजन 17 से 21 जनवरी 2025 तक होगा.

जयपुर, : ये नहीं देख्या तो कुछ नहीं देख्या की थीम पर चल रहे जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टीवल – जिफ में इस बार देश विदेश की 23 और राजस्थान की 20 फिल्मों की स्क्रीनिंग हुई. सभी फिल्मों को दर्शकों ने खूब पसंद किया. मंगलवार को फेस्टिवल का समापन अगले साल की नई उम्मीदों के साथ हुआ.

गुजराती सिनेमा: ऑस्कर में नॉमिनेशन के बाद के हालातों पर चर्चा

कुंडालु फिल्म की स्क्रीनिंग से पहले “गुजराती सिनेमा- ऑस्कर नामांकन के बाद” पर रोचक और सार्थक चर्चा हुई. जिसमें कुंडालु फिल्म की टीम ने भाग लिया –

  1. रोहित गणेश प्रजापति- लेखक-निर्देशक एवं सहयोगी निर्माता
  2. सुचित्रा पारिख – निर्माता
  3. नीना अरोड़ा – निर्माता
  4. प्रिया कृष्णास्वामी- निर्माता
  5. प्रियांक गंगवानी- एसोसिएट प्रोड्यूसर
  6. सोनाली लेले देसाई- मुख्य अभिनेत्री
  7. स्वयं- मुख्य अभिनेता और संगीत निर्देशक
  8. सब्यसाची भट्टाचार्जी- छायाकार और संपादक
  9. आकांक्षा भागिया – कॉस्ट्यूम डिजाइनर और कोरियोग्राफर ने भाग लिया

जिफ के पाँचवे दिन रोहित गणेश प्रजापति द्वारा निर्मित गुजराती फ़िल्म “कुंडालू” की स्क्रीनिंग रखी गई।

जिफ में 7 अवार्ड जितना हमारे लिए ऑस्कर जितने से भी बड़ी बात है – कुंडालू के डायरेक्टर रोहित

गुजराती फ़िल्म में क्वालिटी के प्रभाव को लेकर डायरेक्टर रोहित बताते हैं कि छोटे फ़िल्ममेकर्स पर बेहद फ़र्क़ पड़ता है। ऑस्कर को हम बहुत बड़ा मानते हैं लेकिन हमारे कम बजट की, गाँव में बनी फ़िल्म है।

हम बड़ौदा से जयपुर आकर जिफ से रेड रोज लेने को ही बड़ा मानते हैं यह सम्मान की बात है।
जैसे घर के आँगन इमोशंस खिलते हैं वैसे ही मैसाना से जयपुर में फ़िल्म का फूल खिल रहा है।
लीड रोल में स्वयं फ़िल्म की भाषा पर कहते हैं कि पक्के गुजराती को भी ये फ़िल्म की गुजराती नहीं समझ आएगी।फ़िल्म में गुजरात की क्षेत्रीय बोलियों को शामिल किया है।

प्रोड्यूसर सुचित्रा बताती हैं कि कैसे वह और बाक़ी उनकी दो पसहेलियाँ फ़िल्म में एक्सीडेंटल प्रोड्यूसर बनी।

प्रियॉंक जो की सह निर्माता हैं बताते है कि वे साढ़े आठ साल से फ़िल्में प्रोड्यूस कर रहे हैं।

अपने दोस्त रोहित से कहते हैं कि फ़िल्म के लिए कहानी होनी चाहिए और कुछ अच्छे दोस्त।

फ़िल्म की कोरियोग्राफर आकांक्षा कहती है कि उन्हें दो गाने में कोरियोग्राफ़ करने का मौक़ा मिला है। फ़िल्म में कॉस्ट्यूम भी डिज़ाइन उन्होंने ही की है।

गानों में क्षेत्रीय स्टेप्स को दिखाया है जो प्रचलन से अलग है।

कुंडालू का अर्थ सर्किल होता है। पूरी टीम एक स्ट्रॉंग सर्किल के तरह उभरती है।

सबसे ज्यादा अवार्ड जितने वाली गुजराती फिल्म कुंडालु.
जिफ में आख़िरी दिन में सबसे ज्यादा अवार्ड जीतने वाली गुजराती फिल्म कुंडालु की स्क्रीइंग हुई। इस फिल्म ने सबसे ज्यादा 7 अवार्ड्स जिफ में जीते हैं। फिल्म की पूरी टीम फिल्म स्क्रीनिंग के दौरान मौजूद रही। ये फिल्म का विश्व में कहीं भी पहला शो था. फिल्म का निर्देशन रोहित गणेश प्रजापति ने किया है.

कुंडालू उत्तरी गुजरात (भारत) के ग्रामीण जीवन का चित्रण है, जहां समाज में विवाह का अत्यधिक महत्व है। मंगू एक गरीब अनाथ महिला है, और विकास बोलने में अक्षम व्यक्ति है; जिनके रास्ते एक दूसरे से मिलते हैं लेकिन घटनाओं के दुखद मोड़ से टूट जाते हैं। हम उनकी यात्रा का अनुसरण करते हैं, क्योंकि वे अपनी परंपराओं और रीति-रिवाजों से बंधे समाज की कठोर सीमाओं के भीतर, मूक, अनदेखी और उपेक्षित होकर अपना जीवन व्यतीत करते हैं।

फिल्म ने जिफ 2024 में वैश्विक संदेश देने वाली फिल्म के रूप में ग्रीन रोज/वर्ल्डप्रीमियर के लिए यलो रोज /सर्वश्रेष्ठ ध्वनि और संपादन/सर्वश्रेष्ठ सिनेमोटोग्राफी/सर्वश्रेष्ठ कॉस्ट्यूम डिजाइन/सर्वश्रेष्ठ संगीत/सर्वश्रेष्ठ प्रोडक्शन डिजाइन के अवार्ड जीते हैं.

गौरव पंजवानी की वेब सीरीज क्रॉस रोड ने बटोरी सुर्खियां

जिफ के पाँचवे दिन ग़ौरव पंजवानी द्वारा निर्मित वेब सीरीज़ “क्रॉसरोड्स” की स्क्रीनिंग रखी गई। ये पूरी कहानी कोरोना काल में बनी है।

डायरेक्टर ग़ौरव बताते हैं कि कहानी दो कपल्स के इर्द गिर्द बुनी गई है। जिसे आज के युवा कनेक्ट करसकते हैं।

कहानी नज़रिए का खेल है जिसमें अलग अलग किरदार अपनी भूमिका निभाते हैं और परिस्थितियों के अनुसार मानव परिवर्तन को रोचक तरीक़े से दिखाया है।

ग़ौरव कहते है कि कुछ भी ब्लैक या वाइट नहीं होता बीच में बहुत शेड्स होते हैं।
कहानी को वर्तमान जीवन से जोड़ने पर वे बताते हैं कि हर कोई बचना चाहता है, कभी किसी चीज़ से कभी किसी और से।

कैसे कहानी युवाओं को परिस्थितियों के विभिन्न परिप्रेक्ष्य दिखाने का प्रयास करती है।
कहानी में आस्था(स्वपूर्णा सेन) और आशीष( मोहक खुराना) को स्कूल यूनिफार्म में बात करके बताते हैं। आशीष और आस्था दोनों की पसंद अलग होती है। उसके बाद कहानी को कुछ सालों बाद बताया जाता है।

कहानी की शुरुआत होती है जिसमें श्रेयांश (अनमोल परनामी) और आस्था एक एडवरटाइज़मेंट कंपनी रन करते हैं। श्रेयांश नोहरा का किरदार निभा रहे अनमोल परनामी एक जाना माना नाम है। अनमोल “मेरी आशिक़ी तुम से ही” जैसे कई टीवी शोज़ में काम कर चुके हैं।

श्रेयांश का किरदार असंयमी है। श्रेयांश आस्था को पसंद करता है जबकि आस्था श्रेयांश को सिर्फ़ बिज़नेस पार्टनर की तरह ही देखती है।

श्रेयांश कंपनी की बिगड़ती स्थिति में कॉस्ट कटिंग केलिए सोचता है। जबकि आस्था प्रैक्टिकल बातें करके भी अपने हर एम्प्लॉय के प्रति हमदर्दी रखती है और कहती है कि हमे बिज़नेस के अवसर बनाने की ज़रूरत है क्योंकि हम आर्टिस्ट हैं हम इमोशनलेस नहीं हो सकते।

आस्था थोड़ी अवसरवादी है जिसके अपने एक कारण है।
हर किसी की इनसिक्योरिटीज़ के पीछे के कारण को समझाया जाता है।

समानांतर ही एक और कहानी आशीष(मोहक खुराना) और शुभी(कोरल भामरा) की चलती है। आशीष बेहद सेंसिटिव किरदार होता है। वहीं शुभी भी एक इंडिपेंडेंट महिला होती है को इमोशनली ब्रोकन होती है। वह बचपन में ही अपने माता-पिता को खोदेती है।
शुभी की ताई उसे शादी के लिए मनाती है। आशीष और शुभी एक दूसरे से मिलते हैं। एक दूसरे को जानने और समझने का प्रयास करते हैं। उनके रिश्ते की बात आगे बढ़ती है।
कहानी आगे बढ़ती है और देखने को मिलता है कि सभी का अपना एक पास्ट है जिससे उन्हें जूझना पड़ता है।

सभी कहीं न कहीं फँसें हुए है सब निकलना चाहते हैं लेकिन ठीक से बात नहीं करना चाहते।

आख़िर में सभी को अपनी कमियों का एहसास होता है और सभी अपनी ग़लतियों को अपनाते हैं।
कहानी में ड्रामा, सस्पेंस, लव, भरोसा, डार्क स्पॉट्स, इंसेक्यूरिटीज़ को अनोखे तरीक़े से पर्दे पर उकेरा है।

कोई प्यार ढूँढता है, कोई अवसर और कोई अपनापन। कहानी के ज़रिए डायरेक्टर ने बताया है कि कैसे आज की जनरेशन कैसे उलझी हुई है। न जाने कहाँ पहुँचने की दौड़ उन्हें ख़ुद से ही दूर लेजाती है।

वेब सीरीज का गाना, सिनेमेटोग्राफ़ी बेहतरीन है। इसे जयपुर में शूट किया है और जयपुर के लोकल फ़ूड को भी हाईलाइट किया है।

13 फरवरी को दिखाई गई फिल्में –
मेरे करम, गौरव पंजवानी की वेब सीरीज क्रॉस रोड, ए पीस ऑफ़ लिबर्टी, डांसिंग विथ अननोन, एक गांव दिशा की और, कुंडालु, आंगन, ब्यांव, फाइन लाइन, वोटिंग फॉर कल्की, लॉस्ट डोल की स्क्रीनिंग हुई.

जिफ और जयपुर फिल्म मार्केट 2025 का आयोजन 17 से 21 जनवरी 2025 तक जयपुर में होगा. ये संस्करण अब तक का सबसे बड़ा, रोचक, भव्य और अतुलनात्मक होगा – हनु रोज.