बीकानेर ( ओम एक्सप्रेस)।अरिहंत भवन में जैनाचार्य श्री ज्ञान चंद्र जी म.सा. ने जनसमूह को संबोधित किया कि-*
किसी पर राग भाव रखना ही, दुख को आमंत्रित करना है अतः इंसान को कीचड़ में कमल की तरह निर्लिप्त रहना चाहिए
कमल कीचड़ में पैदा होता है गंदगी में पैदा होता है, लेकिन कमल के किसी भी पत्ते पर गंदगी का जरा सा भी असर नहीं होता
इसी तरह हर इंसान, चाहे राम हो या महावीर, रहम हो या रहीम
सभी पैदा तो कीचड़ में ही होते हैं लेकिन कमल की तरह निर्लिप्त हो जाते हैं। उनका जरा सा भी आकर्षण, गंदगी पर नहीं रहता ।
यही स्थिति परम पुरुषों में होती है
वो भी गंदगी से पूरी तरह दूर हो जाते हैं तभी भगवान का रूप ले लेते हैं ।
आचार्य श्री जी ने आगे समझाया कि- जिस प्रकार शरद कालीन रात्रि में भी कमल के पत्ते पर ओस बिन्दु मोती की तरह चमकता है फिर कमल का पत्ता उस बिंदु से बिल्कुल निर्लिप्त रहा है याने निर्मल पानी से भी वो चिपकता नहीं है
इसी तरह सच्चा साधक, अपने भक्त, संप्रदाय, अपने धार्मिक भवन आदि पर भी पकड़ नहीं रखता
यही नहीं उनका तो शरीर पर भी मोह नहीं होता है
तभी उनका परमात्मा रूप प्रकट होता है
जितना शरीर पर एवं पर पदार्थों पर मोह रहेगा व्यक्ति उतना ही कीचड़ में उलझेगा
जितना कीचड़ में फंसेगा उतना ही जन्म – मरण बढ़ाएगा
आसक्ति, पतन का कारण है
धर्म प्रभावना
आज प्रवचन में भारी उपस्थिति रही
बीकानेर नगर के उपमहापौर राजेंद्र पंवार भी प्रवचन में उपस्थित थे
उनकी गुरुदेव पर विशिष्ट भक्ति है
आज वो सामायिक कि पूरी ड्रेस में सामायिक साधना कर रहे थे
रानीबाजार सुराणा भवन के लिए कर्मठ व्यक्तित्व आई. एम. सुराणा समाजसेवी शर्मिला लुनावत सनोज लुणावत राजेश गोयल डॉ नरेश गोयल, हरवंश लाल जयचंद लाल सुखाणी आदि सभी का आग्रह रहा
आज का तेला श्रीमती उषा लोढ़ा का रहा
रतलाम, दिल्ली, देशनोक, नोखा, जांगलू, पांचू आदि अनेक गांव शहरों से भक्तगण निरंतर आ रहे हैं
प्रतिदिन इस भयंकर गर्मी में भी एक साथ 5-5 सामायिक करने वालों में भारी उत्साह है।