

बीकानेर । जिला कलक्टर नमित मेहता ने शनिवार को शहर को शुद्ध पेयजल निर्बाध रूप मिले, इसके लिए उन्होंने रिजर्ववायर, फिल्टर प्लांट और प्रयोगशाला का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने जलाश्य का गाड़ी में बैठकर निरीक्षण किया और इसमें नहर से पहंुच रहे पानी की प्रक्रिया के बारे में जाना।
मेहता ने बीछवाल स्थित रिजर्ववायर तथा फिल्टर प्लांट और जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की प्रयोगशाला का निरीक्षण कर संपूर्ण व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने जलदाय विभाग के अभियंताओं से कहा कि रिजर्ववायर में पानी शुद्ध और सुरक्षित रहे, इसके लिए सुरक्षा के सभी इंतजाम रहने चाहिए। लगातार यहां विभाग के कर्मचारी गस्त करते रहे तथा रात के समय रोशनी की व्यवस्था बेहतर रहनी चाहिए ताकि कर्मचारी रात के समय में भी झील के चारों और घूमकर देखे तो बिल्कुल स्पष्ट रूप से नजर आए।


पंपिंग स्टेशन रहे बेहतर विद्युत आपूर्ति बाधित नहीं हो
जिला कलक्टर ने कहा कि रिजर्ववायर तक पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से होती रहे इसके लिए यहां तक पानी पहुंचने में जितने भी पंपिंग स्टेशन आते हैं, उन सभी पंपिंग स्टेशनों पर रखरखाव की संपूर्ण व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त रहे। साथ ही इन पंपिंग स्टेशनों पर विद्युत आपूर्ति बाधित न हो यह भी सुनिश्चित किया जाए। अगर किसी भी पंपिंग स्टेशन पर लंबे समय तक विद्युत आपूर्ति नहीं होती है तो ड्यूटी पर रहे अभियंता की यह जिम्मेदारी होगी कि वह तत्काल विद्युत वितरण निगम के अभियंताओं से संपर्क कर विद्युत की आपूर्ति सुनिश्चित की जाए।


प्रयोगशाला में पानी की गुणवत्ता की जांच को देखा
उन्होंने पानी की गुणवता की जांच के लिए नियमित सैम्पल लेने के निर्देश दिए और कहा डब्ल्यू एच ओ द्वारा निर्धारित मानदण्डों के अनुसार ही शहर में पेयजल की आपूर्ति की जाए। उन्होंने जलाशय और रिजर्वायर के बाद जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की प्रयोगशाला को भी देखा। इस प्रयोगशाला में विभाग द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले पानी की गुणवत्ता की जांच की जाती है। मेहता ने पानी की जांच करने की संपूर्ण व्यवस्थाओं को देखा और अधीक्षण अभियन्ता दीपक बंसल को निर्देश दिए कि शहर से प्रतिदिन अलग-अलग क्षेत्रों में से पानी के सैंपल लिए जाएं और सैंपल की साइज बढ़ाई जाए। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियन्ता दीपक बंसल ने बताया कि पानी की शुद्धता पर पूरी निगरानी रखी जाती है। नियमित पानी के नमूने लिए जा रहे हैं। प्रयोगशाला मंे पेयजल की शुद्धता जांच ने के बाद ही आपूर्ति की जाती है।
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