-भाजपा में उच्च स्तर पर वसुंधरा त्रिपुराराजे को मिली पूरी शक्ति, शेष टिकट उन्हीं की मर्ज़ी से
जयपुर (हरीश गुप्ता )। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को लेकर चल रही तमाम चर्चाओं पर आज विराम लग गया। अब शेष टिकट राजे की इच्छा से ही दिए जाएंगे। 2018 में जिन्हें टिकट मिला था, उन्हें पूर्ण प्राथमिकता दी जाएगी।
सूत्रों की मानें तो सोमवार को दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की सर्वोच्च समिति ने वसुंधरा राजे को पूरी छूट देने का तय कर लिया। इसके साथ ही यह भी तय किया गया कि भाजपा बहुमत से आई तो राजे ही मुख्यमंत्री बनेगी।
सूत्रों की मानें तो अभी मुख्यमंत्री के नाम के लिए कुछ नाम चल रहे थे, आज उन सभी पर विराम लग गया। हो सकता है अब अर्जुन मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत और कैलाश चौधरी (तीनों सांसद) को टिकट ही नहीं मिले विधानसभा का।
सूत्रों ने बताया कि इसके अलावा आज यह भी तय हुआ है कि 2018 में जो भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़े, उन्हें शेष टिकटों में प्राथमिकता दी जाएगी। उस दृष्टि से अशोक परनामी, प्रभु लाल सैनी, अरुण चतुर्वेदी आदि के नाम सूची में आना लगभग तय हो गया है। हालांकि सीईसी की बैठक परसों होनी है जिसमें इस पर मोहर लग जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि भाजपा मुख्यालय में चर्चाएं जोरों पर हैं, ‘पार्टी बहुमत में आएगी और सरकार भाजपा की ही बनेगी।’ ‘…मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही बनेंगी। अगर ऐसा होता है तो फिर गहलोत-वसुंधरा वाला सिस्टम एक बार और दोहराएगा।’
सूत्रों ने बताया की चर्चाएं यह भी है, ‘वसुंधरा राजे ने नवरात्रों में त्रिपुरा सुंदरी माता की विशेष पूजा की, उसी का फल है कि केंद्र नेतृत्व भी उनके आगे झुक गया।’