अस्पताल उपाधीक्षक ने पूरे मामले पर कि अनभिज्ञता जाहिर

बिहार(सुपौल)-ओम एक्सप्रेस-अपने कारनामो के लिए हमेशा सुर्खियों में रहने वाले अनुमंडलीय अस्पताल त्रिवेणीगंज एकबार फिर मरीजो को मुफ्त वितरण के लिए आई जीवन रक्षक दवा को ठिकाना लगाने का मामला प्रकाश में आया है। हालांकि यह मामला प्रकाश में भी नही आता लेकिन हेल्थ मैनेजर के पैसे देने से इंकार करने के बाद स्वीपर ने दवा जलाने से इंकार करते हुए मैनेजर पर वादा खिलाफी का आरोप लगाते हुए जोर -जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया। जिससे यह मामला लोगो के नजर में आ गया। हालांकि अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. आर.पी सिन्हा ने पूरे मामले पर अनभिज्ञता जाहिर की है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, बुधवार को सरकारी दवा को आग लगा कर गढ्ढे में समाप्त करने के लिए ढेर सारी दवाएं हेल्थ मैनेजर ने एक स्वीपर को दिया और इस दवा को ठिकाने लगाने के लिए 500 रुपये देने का वादा भी किया गया था ।स्वीपर ने दवा को झाड़ी में फेंक कर मैनेजर से तय रुपये देने की मांग की तो मैनेजर ना-नुकुर करने लगा । गुस्साए स्वीपर ने हंगामा कर मैनेजर पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया, जिससे आम लोगो सहित स्वास्थ्य कर्मियों को भी मामले की जानकारी हुई। दवाओं में डोकसीसैकलिंन की दवाएं , मेट्रोनिडाजोल की टेबलेट सहित कई ब्रांड की दवाएं थी ।कई दवाओं पर एक्सपाइरी डेट सितम्बर 19 दर्ज था ।

दवा को नष्ट करने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।कुछ लोगों का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन मरीजों को दवा नही देते हैं।दवाओं को बाजार में बेचने के लिए छुपाकर रखी जाती है, बाद में उसे बेच दी जाती है, या एक्सपायर होने पर समाप्त कर दी जाती है।पूछे जाने पर हेल्थ मैनेजर प्रेम रंजन ने कहा कि उन्हें मामले की जानकारी नहीं है। वेसे यह सामान्य बात है। वही अस्पताल उपाधीक्षक डॉ आर पी सिन्हा ने मामले से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि उन्हें जानकारी नहीं है।वे पता कर रहे हैं।वेसे इस बारे में हेल्थ मैनेजर विस्तृत बता सकते हैं।