जयपुर. प्रदेश में नई नगर पालिकाओं के गठन के बाद पंचायती राज संस्थाओं की सीमाओं का ढ़ांचा गड़बड़ा गया है। 16़ नई नगर पालिका बनने के बाद खासतौर पर प्रदेश के पांच ऐसे जिले हैं, जहां ग्राम पंचायतों का आंशिक हिस्सा कट कर नगर पालिका के शहरी क्षेत्र में शामिल हो गया है। ऐसे में सरकार ने प्रभावित पंचायतों के फिर से गठन के लिए प्रक्रिया शुरु कर दी है।
इन जिलों में करौली, कोटा, धौलपुर, बारां और अलवर शामिल हैं। सरकार ने इन पांच जिलों के कलक्टरों को पुनर्गठन प्रक्रिया के लिए अधिकार सौंपे है। ग्राम पंचायतों का आंशिक भाग नगर पालिका में जाने के बाद शेष बचे भाग से नई पंचायत बनाई जाएगी या बचे हुए हिस्से को किसी अन्य पंचायत को शामिल किया जाएगा। इसी के लिए कलक्टर प्रस्ताव तैयार करेंगे। तैयार प्रस्तावों पर आपत्तियों के लिए कलक्टर जनता को एक माह का समय देंगे और अंतिम तौर पर तैयार नई पंचायतों के प्रस्ताव सरकार के पास अनुमोदन के लिए भेजेंगे।
को यह निर्देश भी दिए हैं कि जिन ग्राम पंचायतों को पूरा ही नई नगर पालिका में शामिल कर लिया गया है, उनके राजस्व गांवों को भी पंचायत राज संस्थाओं की सीमाओं से पृथक किया जाए।