-उर्दू की मिठास-राजस्थानी की मठोठ और एवं हिंदी के सौंदर्य से काव्य रसधारा

बीकानेर,।श्री जुबिली नागरी भण्डार बीकानेर के 116वें स्थापना दिवस एवं वसंतोत्सव पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन नागरी भंडार मंदिर परिसर में नगर के हिंदी, उर्दू एवं राजस्थानी रचनाकारों का त्रिभाषा कवि सम्मेलन एवं मुशायरा आयोजित किया गया।
श्री जुबिली नागरी भण्डार बीकानेर के मंत्री गिरिजा शंकर शर्मा ने बताया कि आज आयोजित हुए कवि सम्मेलन व मुशायरे में नगर के 50 से अधिक कवियों कवयित्रियों और शायरों ने काव्य पाठ किया। कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में जहां हिंदी कविता की महक ने माहौल को बसंतमय बना दिया, वहीं राजस्थानी कविता की मठोठ और उर्दू शायरी की मिठास ने श्रोताओं को आनंद के सागर में गोता लगाने पर मजबूर कर दिया।
कवि सम्मेलन एवं मुशायरे के संयोजक शायर इरशाद अज़ीज़ और क़ासिम बीकानेरी ने संयुक्त रूप से बताया कि कवि सम्मेलन एवं मुशायरे की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार मधु आचार्य आशावादी ने की। आचार्य ने अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए कहा कि श्री जुबिली नागरी भण्डार ट्रस्ट समस्त कलाओं के संरक्षण में पिछले 100 सालों से भी अधिक समय से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यहां काव्य पाठ करना एक पुनीत कार्य है। मुख्य अतिथि राजस्थानी कवि कथाकार कमल रंगा ने कहा कि नागरी भण्डार साहित्य एवं कला के पोषण में अग्रणी संस्थान है। यहां देश के बड़े-बड़े कवियों ने काव्य पाठ किया है। यहां काव्य पाठ करके गौरव की अनुभूति होती है। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ उर्दू शायर ज़ाकिर अदीब ने कहा कि नागरी भंडार में सभी भाषाओं को समान मान सम्मान दिया जाता है एवं सभी भाषा के रचनाकारों को मौक़ा दिया जाता है। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि जयपुर की उद्घोषिका एवं शायरा हसीन बानो ने कहा कि बीकानेर साहित्य संस्कृति क्षेत्र में राजस्थान में अपना एक अलग मुक़ाम रखता है। बीकानेर का भाईचारा एवं अपनत्व की भावना देखकर हर्षित हूं । विशिष्ट अतिथि कवयित्री साधना सोलंकी ने कहा कि नागरी भण्डार में काव्य पाठ करके मुझे आत्मिक संतोष की अनुभूति हुई।
कवि सम्मेलन एवं मुशायरे में संजय पुरोहित, बुनियाद हुसैन ज़हीन,मनीषा आर्य सोनी,नेमचंद गहलोत, राजाराम स्वर्णकार, डॉ. ज़िया उल हसन क़ादरी, गंगा विशन बिश्नोई ‘ब्रह्मा’, विप्लव व्यास, असद अली असद,वली मोहम्मद ग़ौरी, सागर सिद्दीक़ी, मुफ्ती अशफ़ाक़ ग़ौरी उफ़क़, इमदाद उल्लाह बासित, निर्मल कुमार शर्मा, यशस्वी हर्ष, डॉ. नृसिंह बिनानी, गिरिराज पारीक,मुफ़्ती अशफ़ाक़ ग़ौरी उफ़क़, शारदा भारद्वाज,मौलाना अब्दुल वाहिद अशरफ़ी, माजिद ख़ान ग़ौरी, मोहम्मद इस्हाक़ ग़ौरी शफ़क,अमित गोस्वामी, कपिला पालीवाल, डॉ.कृष्णा आचार्य, मधुरिमा सिंह, कृष्णा वर्मा, निर्मल कुमार शर्मा,योगेश व्यास राजस्थानी, गोपाल पुरोहित, मुईनुद्दीन मुईन, गुलफ़ाम हुसैन आही, किशन नाथ खरपतवार, शिव प्रकाश शर्मा,कैलाश टाक, बाबूलाल छंगाणी,धर्मेंद्र कुमार धनंजय, समीर गोयल, दीपेन्द्र सिंह, घनश्याम सिंह ने काव्य पाठ किया।
श्री जुबली नागरी भंडार ट्रस्ट की तरफ से काव्य पाठ करने वाले सभी रचनाकारों को सम्मान पत्र भेंट करके सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में सभी अतिथियों द्वारा मां शारदे के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करके कार्यक्रम का आरंभ किया गया। श्री जुबिली नागरी भंडार ट्रस्ट द्वारा सभी मेहमानों को स्मृति चिन्ह भेंट कर स्वागत सम्मान किया गया। स्वागत भाषण नागरी भण्डार के व्यवस्थापक नंदकिशोर सोलंकी ने ज्ञापित किया। कवि सम्मेलन व मुशायरे का संचालन क़ासिम बीकानेरी और इरशाद अज़ीज़ ने संयुक्त रूप से किया।
तीन दिवसीय समारोह के अंतिम दिन आज दिनांक 25 जनवरी 2023 बुधवार को शाम 4:00 बजे नागरी भण्डार प्रांगण में संगीत संध्या आयोजित होगी।