जयपुर। राजस्थान (Rajasthan) में पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों (women representatives) ने अब यदि कामकाज में अपने पति, रिश्तेदार (Husband or relative) या अन्य व्यक्ति का साथ लिया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. इतना ही नहीं इस काम में उनका साथ देने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ भी सीसीए नियमों (CCA Rules) के तहत कार्रवाई होगी. इसको लेकर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने आदेश जारी कर दिए हैं.
पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा-38 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह की ओर से जिला कलक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों और पंचायत समितियों के विकास अधिकारियों को इस पूरे मामले को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. इसमें उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के ध्यान में आया है कि कई प्रकरणों में पंचायती राज संस्थाओं में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों के स्थान पर उनके पति, निकट संबंधी, रिश्तेदार या अन्य किसी व्यक्ति द्वारा कार्यालय का कार्य संपादित किया जाता है. उनके द्वारा बैठकों में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से भाग लिया जाता है. पंचायती राज संस्था के निर्वाचित सदस्य या पदाधिकारी यदि ऐसा कृत्य करते हैं तो यह कर्तव्यों के निर्वहन में असमर्थता एवं दुराचार की श्रेणी में आता है. किसी भी पंचायती राज संस्था में ऐसा पाये जाने पर संबंधित महिला सदस्य पदाधिकारी के विरुद्ध राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा-38 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
कार्रवाई कर पंचायती राज विभाग को तुरंत अवगत करायें
इसके साथ ही इस प्रकार के प्रकरणों में सहयोग करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध भी सीसीए नियमों के तहत कार्रवाई की जाएगी. अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने इस पूरे मामले को लेकर निर्देश देते हुए कहा है कि पंचायती राज संस्थाओं में ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होने दें. यदि कहीं ऐसा पाया जाता है तो संबंधित निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं सहयोग करने वाले अधिकारी कर्मचारी के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित कर पंचायती राज विभाग को तुरंत अवगत भी कराया जाए।