संकल्प सत्याग्रह के दौरान राहुल गांधी को लेकर बहन प्रियंका गांधी ने एक 32 साल पुराना किस्सा सुनाया. प्रियंका ने कहा कि वे (केंद्र सरकार) एक परिवार का अपमान सालों से करते आ रहे हैं उनकी सदस्यता नहीं जाती, उन पर कोई एक्शन नहीं होता.

संकल्प सत्याग्रह में प्रियंका गांधी ने सुनाया एक किस्सा.

नई दिल्ली,।राजघाट से प्रियंका गांधी ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. प्रियंका गांधी ने संकल्प सत्याग्रह के दौरान कहा कि इस देश के लोकतंत्र को मेरे परिवार ने अपने खून से सींचा है. साथ ही प्रियंका गांधी ने केंद्र के मंत्रियों द्वारा गांधी परिवार का अपमान किए जाने का मुद्दा भी उठाया.

इसे लेकर राजघाट पर प्रियंका गांधी ने एक किस्सा भी सुनाया. प्रियंका ने कहा, साल 1991 में मेरे पिता की शव यात्रा तीन मूर्ति भवन से निकल रही थी. अपनी मां के साथ, अपने भाई के साथ हमें गाड़ी में बैठे थे और सामने भारतीय सेना का एक ट्रक था फूलों से लदा हुआ चल रहा था. उसके ऊपर मेरे पिताजी का शव था. काफिला थोड़ी दूर चला तो राहुल कहने लगे कि मुझे उतरना है तब मेरी मां ने मना किया क्योंकि सुरक्षा बड़ा मुद्दा था.
इसके बाद प्रियंका ने कहा, राहुल गाड़ी से उतरा और सेना के पीछे चलने लगा. कड़ी धूप में अपने पिता के जनाजे के पीछे पीछे पैदल चलते-चलते यहां पहुंचा. इस जगह से कुछ 500 गज दूर मेरे शहीद पिता का अंतिम संस्कार मेरे भाई ने किया।

-राहुल गांधी की सांसदी जाने के विरोध में राजघाट पर कांग्रेस का ‘सत्याग्रह’.

‘शहीद के बेटे को देशद्रोही कहते…’, राजघाट से प्रियंका गांधी का बड़ा वार

-‘संसद में हुआ मेरे शहीद पिता का अपमान’

वह तस्वीर मेरे दिमाग में अभी भी है. मेरे पिता का शव इस तिरंगे में लपेटा गया था. उसके पीछे चलते-चलते मेरा भाई यहां तक आया था. शहीद पिता का अपमान भरी संसद में किया जाता है. शहीद के बेटे को आप देशद्रोही और मीर जाफर कहते हैं उसकी मां का अपमान करते हैं. आप (केंद्र सरकार) के मंत्री भरी संसद में मेरी मां का अपमान करते हैं. एक मंत्री कहते हैं कि राहुल गांधी को पता नहीं है कि उसके पिता कौन हैं. इसके आगे प्रियंका ने कहा, ‘प्रधानमंत्री गांधी परिवार के लिए कहते हैं कि ये नेहरू उपनाम का इस्तेमाल क्यों नहीं करते? आप पर तो कोई केस नहीं होता, आपकी सदस्यता रद्द नहीं होती.’
प्रियंका ने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा, एक बेटा बाप के मरने पर परिवार की पगड़ी पहनता है और परंपरा आगे बढ़ाता है. सरकार के लोग अपमान करते हैं, लेकिन उन पर कोई मुकदमा नहीं होता, उनको कोई सजा नहीं होती. उनको कोई संसद से बाहर नहीं निकलता. उनको कोई नहीं कहता कि वे सालों तक चुनाव नहीं लड़ सकते.

‘हमारे परिवार का हुआ अपमान’
प्रियंका ने कहा, वे हमारे परिवार का अपमान करते गए. संसद में मेरे भाई ने मोदी जी को गले लगाया और कहा कि मैं आपसे नफरत नहीं करता हूं. हमारी विचारधारा अलग है, लेकिन हमारी नफरत की विचारधारा नहीं है. 

-प्रियंका ने पूछे सवाल
क्या यही इस देश की परंपरा है. अगर आप परिवारवादी कहते हैं तो भगवान राम कौन थे? भगवान राम को वनवास भेजा गया, लेकिन उन्होंने अपने परिवार और धरती के प्रति अपना फर्ज निभाया. तो क्या भगवान राम परिवारवादी थे. क्या पांडव परिवारवादी थे जो अपने परिवारों के संस्कार के लिए लड़े. क्या हमें शर्म आनी चाहिए कि हमारे परिवार के सदस्य इस देश के लिए शहीद हुए।

-कांग्रेस के सत्याग्रह में प्रियंका ने सरकार पर बोला हमला
दरअसल यह सब प्रियंका गांधी ने कांग्रेस के एक दिवसीय ‘संकल्प सत्याग्रह’ के दौरान कहा. बता दें कि कांग्रेस आज राजघाट के पास सत्याग्रह कर रही है. इस सत्याग्रह के जरिए तमाम कांग्रेसी नेताओं ने केंद्र सरकार पर हमला बोला.  यह सत्याग्रह राहुल की संसद से सदस्यता रद्द किए जाने को लेकर किया जा रहा है. 
बता दें कि शुक्रवार को राहुल गांधी की संसद से सदस्यता रद्द कर दी गई थी. इससे एक दिन पहले राहुल गांधी को सूरत की अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. उनके एक बयान को लेकर सूरत सेशंस कोर्ट ने उन्हें दोषी माना था. साथ ही अदालत ने राहुल की जेल की सजा को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया था. हालांकि अभी उनके पास ऊपर की अदालत में अपील करने का विकल्प है. 

-राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द
अदालत का फैसला आने के एक दिन बाद नियम के मुताबिक लोकसभा सचिवालय ने एक्शन लिया. लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी. वो केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद थे. लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया है. 

-‘मोदी’ सरनेम को लेकर दिया था बयान
दरअसल राहुल गांधी ने साल 2019 में कर्नाटक की एक जनसभा के दौरान ‘मोदी’ सरनेम को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है. इसी बयान को लेकर राहुल के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दर्ज किए गए. एक मामले की सुनवाई सूरत कोर्ट में हुई और अदालत ने राहुल को दोषी माना और दो साल की सजा सुनाई.