

केन्द्रीय बजट में भी सरकार ने निजीकरण को दिया बढ़ावा, कर्मचारी हितों की अनदेखी किसी कीमत पर नहीं होगी बर्दाशत
हर्षित सैनी
रोहतक, 15 फरवरी। हरियाणा कर्मचारी महासंघ ने गठबंधन सरकार से विधानसभा में पेश होने वाले आम बजट में कर्मचारियों के लिए अलग से प्रावधान करने की मांग की। साथ ही सरकार से अपील भी की है कि जिन मांगों पर सहमति बन चुकी है, उन्हें तुरंत विलम्ब किए लागू किया जाए ताकि सरकार व कर्मचारियों में तालमेल बना रहे।


शुक्रवार को हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह धनखड़, वित सचिव दिलबाग सिंह अहलावत, जिला प्रधान जोगेन्द्र बल्हारा पत्रकारो से बातचीत कर रहे थे। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि गत दिनों केन्द्र सरकार द्वारा जो बजट जारी किया गया वह निजीकरण नीति को बढ़ावा देने वाला तथा पूर्ण रूप से कर्मचारी व श्रमिक विरोधी था।
उन्होंने कहा कि केन्द्रीय बजट में एयर इंडिया, एलआईसी, आईडीबीआई बैकों को बेचने, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों एवं जनसेवाओं को निजीकरण करने का काम किया है। वर्तमान समय में आर्थिक मंदी व बेरोजगारी भयंकर रूप धारण कर गई है। इसलिए सरकार को सार्वजनिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाकर रोजगार के अवसर पैदा करने चाहिए।
वीरेन्द्र धनखड़ ने गठबंधन सरकार से आम बजट में सरकारी विभागों में लाखों खाली पड़े पदों पर स्थाई नियुक्ति करने, पुरानी पैंशन नीति बहाल, पंजाब के समान वेतनमान, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने, सेवानिवृत कर्मचारियों के लिए ओल्ड ऐज एलाउंस लागू करने तथा परिवहन, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, कृषि जैसे विभागों में बजट बढ़ाने की मांग की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी सरकार की रीढ़ की हड्डी है और सरकार की योजनाएं आम जनता तक पहुंचाने में अहम भूमिका अदा करता है लेकिन सरकार कर्मचारियों के हितों की अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि कर्मचारी खुशहाल होगा, तभी तो देश व प्रदेश का विकास संभव है।


