जयपुर 3 मार्च। आपदा प्रबंधन मंत्री मा.भंवरलाल मेघवाल ने विधान सभा में कहा कि ओलावृष्टि से किसानों का जिताना भी नुकसान हुआ है, उसका आकलन कर 33 प्रतिशत से ऊपर के सभी नुकसान पर आदान-अनुदान देय होगा। उन्होंने कहा कि 5 मार्च तक गिरदावरी की जानी है,लेकिन आवश्यक होने पर इसके बाद भी पटवारियों द्वारा ओलावृष्टि से हुए नुकासान का जायजा लिया जाकर, किसानों को मुआवजा दिया जाएगा।

आपदा प्रबंधन मंत्री सोमवार को विधान सभा में 29 फरवरी 2020 को ओलावृष्टि से हुए फसल खराबे पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि प्रदेश में अलवर, धौलपुर, भरतपुर झुंझुनू एवं बारां से फसल खराबे की सूचना प्राप्त हुई है। अलवर जिले की 3 तहसीलों (अलवर नीमराणा, रामगढ़) के 14 गावों में 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के खराबे की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।

उन्होंने कहा कि धौलपुर जिले की बाड़ी तहसील के 6 गांवो में 33 प्रतिशत से 50 प्रतिशत के खराबे की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है। भरतपुर जिला की 3 तहसीलों (नदबई, कुम्हेर, रूपवास) के 51 गांवों में 33 प्रतिशत से कम खराबे की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है। इसी प्रकार झुंझुनू जिले की 2 तहसीलों (झुंझुनू, मलसीसर) के 7 गांवों में 33 प्रतिशत से कम खराबे की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है। बारां जिले की शाहबाद तहसील के 3 गांवों में 33 प्रतिशत से कम खराबे की प्रारंभिक सूचना प्राप्त हुई है।

श्री मेघवाल ने कहा कि वर्तमान में गिरदावरी का कार्य जारी है, जिसका समय 01 फरवरी से 05 मार्च निर्धारित है। खराबे की वास्तविक स्थिति गिरदावरी (7डी) रिर्पोट प्राप्त होने पर ही ज्ञात हो पायेगी। गिरदावरी (7डी) रिर्पोट में 33 प्रतिशत या इससे अधिक फसल खराबा प्राप्त होने पर एसडीआरएफ नोम्र्स के अनुसार कृषि आदान अनुदान देय है।
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