नई दिल्‍ली,(दिनेश शर्मा “अधिकारी”)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने मंगलवार को यहाँ राष्ट्र्रीय उर्दू विकास परिषद की कार्यकारी बोर्ड बैठक की अध्यक्षता की एवं उर्दू के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा की।

डॉ निशंक ने कहा कि पिछले परिषद को दिया जाने वाला फंड लगभग दोगुना कर दिया गया है। उन्होंने कहा, “वर्ष 2009-14 के बीच इस संस्था को 193.83 करोड़ रुपए दिए गए थे वहीं 2015-2020 के बीच में 402.56 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसके अलावा डिप्लोमा इन कंप्यूटर एप्लीकेशन, बिज़नेस एकाउंटिंग एवं मल्टीलिंगुअल डीटीपी के केंद्रों को इसी समयाविधि के दौरान 468 से बढ़ा कर 539 कर दिया गया है। इन केंद्रों में छात्रों की संख्या भी 1,06,615 से बढ़ कर 1,69,77 हो गए हैं।”

इसके अलावा डॉ निशंक ने बताया कि डिप्लोमा इन कैलीग्राफी एवं ग्राफ़िक डिज़ाइन के भी केंद्र भी 55 से बढ़ा कर 74 किए गए हैं जहाँ पहले के 5176 छात्रों के मुकाबले अब 17950 छात्र पढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा, “उर्दू भाषा में एक साल के डिप्लोमा पाठ्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा कि जहाँ 2009-14 में 1066 केंद्रों में 2,98,595 छात्र पढ़ रहे थे वहीं 2015-20 में 1423 केंद्रों में 4,93,981 छात्र पढ़ रहे हैं। अरबी एवं फ़ारसी भाषा में डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स में भी 505 केंद्रों को बढ़ा कर 873 कर दिया गया और छात्रों की संख्या 1,48,302 से बढ़ कर 2,66,791 हो गई है।”

इस बैठक में परिषद के कार्यकारी बोर्ड के सदस्यों ने केंद्रीय मंत्री को वर्ष 2020-21 की उपलब्धियों के बारे में भी अवगत करवाया।

राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद, शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संस्थान है जो देश भर में उर्दू, अरबी और फारसी भाषाओं के प्रचार के लिए कार्य करता है और यह भारत सरकार को उर्दू भाषा से जुड़े मुद्दों पर सलाह देता है।