-थार महोत्सव में बीएसएफ के जवान ऊंटों पर करेंगे हैरतअंगेज प्रदर्शन

-प्रथम विश्व युद्ध मे बीकानेर सेना का ऊंट दस्ता हुआ था शामिल

बाड़मेर,।थार महोत्सव में इस बार बीएसएफ का कैमल टेटू शो विशेष आकर्षण का केन्द्र रहेगा। सजे धजे रोबीले बीएसएफ के जवान ऊंटो पर सवार होकर हैरत अंगेज प्रदर्शन करेंगे। वहीं बीएसएफ का बैंड देशभक्ति एवं संस्कृति से ओतप्रोत गीतों की धुनों की प्रस्तुतियां देगा।
तीन दिवसीय थार महोत्सव के दौरान 18 मार्च को प्रातः 10 बजे आदर्श स्टेडियम में कैमल टेटू शो आयोजित होगा। डिप्टी कमांडेंट मनोहर सिंह खींची की अगुवाई में बीएसएफ के जवान एवं ऊंट कैमल टेटू शो मे शामिल होंगे l इसके लिए बीएसएफ की ओर से ऊंटांे विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। इस दौरान सभी ऊंट एक साथ तिरंगे को सलाम करते हुए नजर आते है। वहीं कई बार गर्दन झुकी हुई, पीठ आधी झुकी और दो पांवों पर खड़े ऊंट, अलग तरह के नजारे को दर्शाते है। यह एक कतार में खड़े होकर गर्दन झुकाकर सलाम भी करते है। कैमल टेटू शो के दौरान बीएसएफ के जवान ऊंटों पर सवार होकर विभिन्न मुद्राओं में हैरतअंगेज प्रदर्शन करते है। जो आमजन के लिए खासे आकर्षण का केन्द्र रहते है। कैमल टैटू शो के लिए बीएसएफ के जवान ऊंटों का विशेष तौर पर श्रृंगार करते है। इनके पांव से लेकर गर्दन और पीठ पर श्रृंगार और उस पर सवार शाही वेश में मूंछों पर ताव देते हुए बीएसएफ के जवानो का नजारा देखते ही बनता है। ऊंटों के साथ बीएसएफ के जवानों का दोस्ताना व्यवहार रहता है। इसके लिए ऊंटों को खास तौर पर प्रशिक्षण दिया जाता है। यह ऊंटों का दस्ता हर बार राजपथ परेड में शामिल होता है।
ऊंट और बीएसएफ का गौरवशाली इतिहास: ऊंट सदियों से राजस्थान की संस्कृति और आमजन के दैनिक जीवन का अभिन्न अंग रहे हैं। बीएसएफ और ऊंट का पुराना संबंध रहा है। भारत-पाक अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के जवान ऊंटों पर बैठकर सरहद की निगरानी करते हैं। आजादी से पहले इंपीरियल आर्मी में भी बीकानेर के महाराजा गंगा सिंह की ओर से स्थापित गंगा रिसाला कैमल कॉर्प थी। यह विश्व युद्ध के अलावा सोमाली लैंड, मिस्त्र और चीन दोनों में लड़ी थी। आजादी के बाद भारतीय सेना की ऊंट इकाई गंगा जैसलमेर रिसाला ने 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में भाग लिया था। हालांकि 1974 में कैमल कॉर्प्स की इस इकाई को पैदल इकाई में बदल दिया गया और गंगा रिसाला नाम से एक आर्टिलरी इकाई बना दी गई।
यह करतब रहेंगे आकर्षण का केन्द्रः दो ऊंटों पर बीएसएफ के एक जवान की सवारी,ऊंट पर सवार का नजर नहीं आना, पणिहारी का ऊंट पर कलश के साथ, ऊंट पर ही बैठकर खाना और नाश्ता करना और दूल्हा दुल्हन की ऊंट पर सवारी ऐसे करतब है जो कैमल टेटू शो को खास आकर्षण का केन्द्र बनाते है। बीएसएफ के जवान अकसर सीमा पर रहते है और संसाधनों की कमी भी रहती है। ऐसे में वे स्थानीय स्तर पर उपलब्ध डिब्बे, तगारी, मटकी, सांकल,गेंती, खुरपी, बाल्टी, चम्मच को ही साज की तरह बजाते हैं।