बीकानेर (सुरेश बोड़ा)। बीकानेर में कोरोना मरीजों को लगने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने के मामले में आरोपी तीन आरोपियों को स्‍पेशल ऑपरेशन ग्रुप (सीओजी) ने बुधवार कोयहां दबोच लिया। अरेस्‍ट करने के बाद अब इन्‍हें गुरुवार को जयपुर ले जाया जाएगा। वहीं, दो आरोपियों को पाबंद किया गया। आगामी जांच प्रक्रिया के दौरान उन्‍हें हाजिर रहने के निर्देश दिए गए हैं।

एसओजी की एएसपी दिव्‍या मित्‍तल ने मीडिया को बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्‍शन की कालाबाजारी के मामले में मित्‍तल फार्मा के विनय मित्‍तल, मित्‍तल ड्रग एजेंसी के अनुज अग्रवाल और प्रदीप अग्रवाल को अरेस्‍ट किया गया है। वहीं, दो अन्‍य फार्मा एजेंसियों के संचालक जेठमल तंवर व आनंद जिन्‍दल को पाबंद किया गया है।

एएसपी दिव्या मित्तल ने बताया कि बीकानेर में कोरोना संक्रमण काल के दौरान 1 अप्रेल से लेकर 3 मई 2021 तक छह स्टॉकिस्टों ने 1400 इंजेक्शन सप्लाई किए। जबकि सरकारी रिकॉर्ड में 890 ही बताए गए। ऐसे में प्रथम दृष्टया सामने आया है कि महामारी के दौर में 510 इंजेक्शन का घोटाला हुआ। इसके अलावा भी रेमडेसिविर इंजेक्शनों की कालाबाजारी के प्रकरण में कई चौंकानेे तथ्य सामने आये है,जिनकी गहनता से जांच की जा रही है।

एएसपी मित्तल ने बताया कि अब तक की जांच यह भी तथ्य सामने आया है कि बीकानेर में 510 रेमडेसिविर इंजेक्शनों का नहीं बल्कि इससे ज्यादा की कालाबाजारी हुई है। जांच में नया खुलासा ये हुआ है कि एसओजी की ओर से दर्ज की एफआइआर में जिन डॉक्टर्स के नाम है, उनके अलावा भी 20 से 25 डॉक्टर्स है, जिन्होंने स्टॉकिस्ट से ये इंजेक्शन खरीदे हैं। इन सभी डॉक्टर्स से जल्द ही पूछताछ की जाएगी।

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