बीकानेर / भगवान दीनबन्धुओं से उतना ही प्रेेम करते हैं जितना वो भगवान से करते हैं। भगवान से हर वक्त जो मांगने वाले हैं उन्हें वे कहते हैं कि मेरे पास वस्तु की कोई कमी नहीं है अकूत भण्डार है। मेरे पास तो लेने वालों की कमी है। इसलिए मुझसे लेना है तो मेरे पास कायदे के साथ आओ। क्षमारामजी महाराज ने यह बात गोपेश्वर महादेव मंदिर मैदान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का वाचन करते हुए कही। वे कथा में भगवान के दीनबन्धुत्व का प्रसंग सुना रहे थे।

क्षमारामजी महाराज ने जीवनोपदेश देते हुए एक प्रसंग के माध्यम से बताया कि जीवन में कभी कुछ पाना हो तो अच्छे विचारों को पाओ, सत्कर्मों को पाओ, नेकी के काम करो तुम्हारा कल्याण होगा। आजकल के लोगों में गुरु बनने की प्रवृति कुछ ज्यादा हो गई है। महाराज ने कहा कि गुरु बनो मत, गुरु बनाओ। अपने से बड़ों का आदर करो, उन्हें मान-सम्मान दो। एक बात सदैव याद रखो अगर अपने से बड़े से कुछ लेना हो तो उनके गुणों को पहचानो। विनयशील रहो, तभी कुछ पा सकोगे। सुदामा व श्रीकृष्ण के प्रसंग की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि भगवान कहते हैं में वस्तु नहीं देखता, वस्तु देने वाले का भाव और प्रेम देखता हूं। क्षमारामजी महाराज ने बताया कि सुदामा जो गरीब ब्राहïïम्ण थे वह श्रीकृष्ण के बालसखा थे। अत्यंत गरीबी में जीवन व्यतीत करते थे लेकिन अपने मित्र श्रीकृष्ण से बहुत प्रेम करते थे। अपनी पत्नी के बहुत कहने पर अपने मित्र से मिलने वह द्वारिका जाते हैं। जहां श्रीकृष्ण से उनका मिलन होता है तो वह दोनों इतने भाव-विभोर होकर एक दूसरे में खो जाते हैं कि सभी सभासद् अचंभित हो जाते हैं।

क्षमारामजी महाराज ने कहा कि संसार में आये हो तो भक्ति भाव को बनाए रखो, धन, वैभव, मोह-माया यह तो सब यहीं रह जाएगा। धन को कमा लोगे तो भगवान को छोडऩा पड़ेगा और भगवान को पकड़ोगे तो धन को छोडऩा पड़ेगा। इसलिए यह तय करना होगा कि हमें दोनों में से किसी एक का त्याग करना पड़ेगा। कथाप्रेमी कुलरिया परिवार के भंवरजी कुलरिया व पूनमजी कुलरिया ने भी कथा स्थल पहुंचकर क्षमारामजी महाराज का आशीर्वाद लिया एवं कथा का रसपान किया। उनके साथ परिवार के ही महेश व मोहित कुलरिया साथ थे।

श्रीमद् भागवत कथा समिति के गोपाल अग्रवाल ने बताया कि सुबह 9 बजे हवन कार्यक्रम हुआ । इसमें आयोजन समिति से जुड़े गणमान्यजनों ने सपत्नीक यज्ञ में आहूति दी। साथ ही नवग्रह देवी-देवताओं और पित्तरों की पूजा और देवी-देवताओं की स्तुति की गई।
कथा की पूर्णाहूति आज
गोपाल अग्रवाल ने बताया कि शनिवार को श्रीमद् भागवत कथा की पूर्णाहूति होगी। इससे पूर्व सुबह 7.30 बजे नवग्रह देवी-देवताओं, पित्तरों का पूजन ,देवी-देवताओं की स्तुति और आह्वान का कार्यक्रम होगा। सुबह 9 बजे हवन का कार्यक्रम रखा गया है। पूर्णाहूति का कार्यक्रम 2 बजे होगा। इसके बाद 2.30 बजे से गीता जी का पाठ किया जाएगा।