एडवोकेट की उपलब्धि हासिल करने वाले रजत चौपड़ा 23 जनवरी को बनेगें जैन मुनि
रिपोर्ट -ओम दैया
नमिऊण तीर्थ, । वकालात का कोर्स पुरा कर चुके छतीसगढ़ के महासमुंद नगर निवासी मुमुक्षु रजत चौपड़ा व उनके साथ सुरगी (मुंगेली) नगर निवासी मुमुक्षु संयम पारख सांसारिक चकाचौध से मोहभंग होने के बाद 23 जनवरी 2021 को छतीगसढ़ प्रांत के महासमुंद नगर में जैन मुनि दीक्षा ग्रहण करेगें।
चन्द्रप्रकाश बी. छाजेड़ ने बताया कि जहां इस उम्र में युवा वर्ग पापाचार, व्यभिचार व व्यसन में डूबा हुआ है ,वहीं इस युवावस्था में मुमुक्षु रजत चौपड़ा व मुमुक्षु संयम पारख ने इन तमाम भौतिक पदार्थो को परित्याग करने का निर्णय लिया तथा संयम पथ पर अग्रसर होने की स्फुरणा जागृत की। अपने स्वजन-परिजन से दीक्षा की अनुमति प्राप्त कर अपना जीवन आचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वरजी महाराज के चरणों में समर्पित कर दिया। मुमुक्षु रजत व संयम ने उनकी वैराग्यमय जिनवाणी सुनकर प्रभावित हुवे तथा उन्हें संसार की असारता का अनुभव हुआ। गुरू निश्रा में रहकर जैन धर्म के विभिन्न सिद्धान्तों, सूत्रों आदि का अध्ययन किया, इस दौरान उन के परिवारजन द्वारा भी परीक्षा ली गई जिसमें खरे उतरने पर, उन्हें 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को श्री नमिऊण पार्श्व-मणिधारी तीर्थ प्रांगण में उनके परिवारजन द्वारा दीक्षा की अनुमति प्रदान की गई तथा आचार्य भगवंत से दीक्षा का मुहूर्त प्रदान करने की विनंती की गई। मुमुक्षु एवं परिवारजन की विनंती स्वीकार कर आचार्य भगवंत ने 23 जनवरी 2022 दीक्षा का शुभ मुहूर्त प्रदान किया।
मुमुक्षु रजत चौपड़ा वकालात की पढ़ाई सम्पूर्ण करने के बाद आत्मिक सुख की प्राप्ति के लिए वैराग्य के मार्ग को पसंद किया। महासमुंद निवासी मुमुक्षु रजत चौपड़ा व सुरगी-मुंगेली निवासी मुमुक्षु संयम पारख ने इसी वर्ष भारतभर की कुल 119 कल्याणक भूमियों की यात्रा सम्पन्न की जिससे उनके वैराग्य के भाव और अधिक पुष्ट बने।
दीक्षा समारोह 23 जनवरी को- मुमुक्षु रजत चौपड़ा व मुमुक्षु संयम पारख का दीक्षा समारोह 23 जनवरी को को आचार्य जिनपीयूषसागर सूरीश्वरजी महाराज एवं अनेक साधु-साध्वी भगवंत की निश्रा में महासमुंद नगर में आयोजित होगा। इस दीक्षा समारोह में विभिन्न संगीतकार अपनी प्रस्तुतियां देगे एवं देशभर से श्रद्धालुगण शिरकत करेगें।