उत्तर प्रदेश की सत्ता के सेमीफाइनल माने जा रहे जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव में सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के 16 निर्विरोध जिला पंचायत अध्यक्ष चुने गए हैं। इनके खिलाफ किसी ने भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है। शनिवार को नामांकन दिन में 11 बजे से तीन बजे तक हो रहा था। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने भारी बढ़त ले ली है। कुल 75 जिलों में से जिन 18 जिलों के पंचायत अध्यक्ष का निर्विरोध चुना जाना तय है, उनमें 17 भाजपा के और मात्र एक समाजवादी पार्टी का होगा। अब 29 जून को नाम वापसी के बाद निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की जाएगी। शनिवार को हुए नामांकन में कुल 164 प्रत्याशियों ने पर्चे भरे। इनमें से छह प्रत्याशियों के नामांकन पत्र जांच में खारिज हो गए। 29 जून को नाम वापसी के बाद बची हुई सीटों पर तीन जुलाई को मतदान होगा।
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार जिन 18 सीटों पर निर्विरोध निर्वाचन तय है, उनमें मेरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अमरोहा, मुरादाबाद, आगरा, इटावा, ललितपुर, झांसी, बांदा, चित्रकूट, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, गोरखपुर, बुलंदशहर, वाराणसी व मऊ हैं। इनमें इटावा को छोड़कर अन्य भाजपा के पास रहेंगी। निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा 29 जून को नाम वापसी के बाद होगी। चुनाव होने वाली 57 सीटों में 41 ऐसी हैं, जिनमें दो प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला होगा। 11 सीटें ऐसी हैं, जहां पर त्रिकोणीय मुकाबला होगा। सर्वाधिक पांच उम्मीदवार जौनपुर में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। चार सीटों में चार-चार प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
जिन छह प्रत्याशियों के नामांकन निरस्त हुए, उनमें मुजफ्फरनगर, अमरोहा, वाराणसी व गोरखपुर से एक-एक व बांदा से दो शामिल हैं। वाराणसी में समाजवादी पार्टी की चंदा यादव का नामांकन पत्र खारिज हो गया। 29 जून को सुबह 11 बजे से दिन में तीन बजे तक नाम वापसी का समय है। इसके बाद चुनाव मैदान में बचे प्रत्याशियों की संख्या अंतिम हो जाएगी। निर्विरोध निर्वाचन के बाद बची हुई सीटों पर तीन जुलाई को दिन में 11 बजे से तीन बजे तक मतदान होगा। इसी दिन शाम को मतगणना कर परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
भाजपा के आगरा से मंजू भदौरिया, गाजियाबाद से ममता त्यागी, मुरादाबाद से डॉ. शेफाली सिंह, बुलंदशहर से डॉ. अंतुल तेवतिया, ललितपुर से कैलाश निरंजन, मऊ से मनोज राय, चित्रकूट से अशोक जाटव, गौतमबुद्ध नगर से अमित चौधरी, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, गोरखपुर से साधना सिंह, बलरामपुर से आरती तिवारी, झांसी से पवन कुमार गौतम, गोंडा से घनश्याम मिश्रा, मेरठ से गौरव चौधरी, बांदा से सुनील पटेल, वाराणसी से पूनम मौर्या, अमरोहा से ललित तंवर तथा समाजवादी पार्टी के इटावा से अभिषेक यादव उर्फ ू अंशुल जिला पंचायत अध्यक्ष का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया।
बलरामपुर से 21 वर्षीया आरती तिवारी, गौतमबुद्ध नगर में भाजपा के अमित चौधरी, मऊ से मनोज राय, गोरखपुर से साधना सिंह, चित्रकूट से अशोक जाटव, झांसी से पवन कुमार गौतम, गोंडा से घनश्याम मिश्र, श्रावस्ती से दद्दन मिश्रा, बुलंदशहर से भाजपा की डॉ अंतुल तेवतिया, प्रदेश के पंचायती राज मंत्री चौधरी भूपेंद्र सिंह के गृह जनपद मुरादाबाद से डा. शैफाली सिंह, मेरठ से गौरव चौधरी,गाजियाबाद से ममता त्यागी तथा ललितपुर से कैलाश निरंजन के खिलाफ किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया। यहां पर भाजपा प्रत्याशियों का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। समाजवादी पार्टी अपना गढ़ इटावा बचाने में सफल रही है, जहां पर अखिलेश यादव के चचेरे भाई अभिषेक यादव उर्फ अंशुल ू के खिलाफ किसी ने भी नामांकन नहीं किया।
इसके अतिरिक्त कुछ ऐसे जिले भी हैं जहां पर बड़ी संख्या में नामांकन दाखिल किया गया है। जौनपुर में भाजपा व अपना दल की संयुक्त उम्मीदवार मैदान में हैं। यहां से बाहुबली धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला सिंह तथा पूर्व सांसद हरिवंश सिंह की बहू नीलम ने भी नामांकन किया है। यहां पर अपना दल से दो प्रत्याशियों ने नामांकन किया है जबकि समाजवादी पार्टी से निशी यादव ने पर्चा भरा है। नीलम सिंह तथा श्रीकला सिंह निर्दलीय प्रत्याशी हैं। प्रतापगढ़ से चार और उन्नाव ने तीन प्रत्याशी मैदान में हैं। उन्नाव से अरुण सिंह ने भी भाजपा की अधिकृत प्रत्याशी शकुन सिंह के खिलाफ नामांकन कर दिया है। अयोध्या में भाजपा रोली सिंह व समाजवादी पार्टी से इंदू सेन यादव ने नामांकन किया।
उत्तर प्रदेश के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान कुल 3050 जिला पंचायत सदस्य चुने गए थे। इनमें से समाजवादी पार्टी के 747, भारतीय जनता पार्टी के 666, बहुजन समाज पार्टी के 322, कांग्रेस के 77, आम आदमी पार्टी के 64 और 1174 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते थे। अब 75 जिला पंचायत अध्यक्षों में 18 का निर्विरोध निर्वाचन तय हो गया है। जिनमें से 17 भाजपा तथा एक समाजवादी पार्टी का है। 75 में से अब 57 जिलों में चुनाव के बाद विजेता तय होगा। जिसमें भी मुख्य लड़ाई में भाजपा तथा समाजवादी पार्टी ही हैं।