-प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक, इसको बचाना हम सभी का दायित्व : कुलपति प्रो. एसके सिंह


कोटा,। राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा द्वारा गोद लिए गाँव रायथल में यूनिवर्सिटी सोशल रिस्पांसिबिलिटी सेल द्वारा विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई की टीम के सहयोग से सघन वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
गौरतलब है कि पूर्व में भी कुलपति प्रोफेसर एसके सिंह के निर्देशन में गाँव रायथल में विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न सामाजिक प्रकल्पो, अभियानों के माध्यम से सराहनीय कार्य किए गए हैं। जिसकी राजभवन राजस्थान द्वारा भी सराहना की गई है।
इस अवसर पर कुलपति प्रो. एसके सिंह ने पर्यावरण संरक्षण का सन्देश देते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में जितना हो सके उतना अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिये। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों की कमी से निरंतर पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है। पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए पौधारोपण बहुत जरूरी है। हम सभी का दायित्व बनता है कि पृथ्वी की खूबसूरती को बनाए रखने में अपना योगदान दें। उन्होंने ग्रामीणों से अधिक से अधिक पौधे लगाने की अपील की। प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार है, प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन सभी जीव जगत के लिए बेहद ही अनिवार्य है। प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। यदि प्रकृति असन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी असन्तुलित होगा और अकाल, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं कहर ढाने लगेंगी। प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है। पेड़ों के बिना प्रकृति के संरक्षण एवं संवर्धन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है।
-हरित राजस्थान की संकल्पना को साकार कर रहा है आरटीयू का यूएसआर सेल
गांव के प्रदूषण को कम करने और हरित पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य से ग्राम पंचायत के सहयोग से तारबंदी कर लगभग 500 पौधों को लगाया। इस अभियान के माध्यम से गांव के स्थानीय लोगो को पौधरोपण की महत्वपूर्णता के बारे में जागरूक करने का प्रयास किया गया। ग्रामवासियों को अधिक से अधिक वृक्ष लगाने, पर्यावरण को हरा भरा एवम सुरक्षित बनाये रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। यूएसआर टीम ने सभी के प्रयासों से एक हरित और स्वच्छ भविष्य की दिशा में योगदान किया। इस प्रयास से स्थानीय भू जल स्तर में वृद्धि होगी और एरिया संरक्षित होगा। सेल द्वारा समय समय पर आयोजित पर्यावरण संरक्षण कार्यशालाओ के माध्यम से भी स्थानीय ग्रामीणों में जन जागरूकता पैदा की जा रही है। इस अभियान मे कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एसएल मीना, डॉ. एमएल मीना,मनोज वैष्णव सहित पुरी टीम महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं हैं साथ ही राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थी हेराम्ब पारीक, वैशाली हाड़ा, महक गुप्ता, दिव्या अग्रवाल, मनीष समन्वय सराहनीय रहा।
