बीकानेर। राज्यसभा चुनावों को लेकर राजस्थान में चल रही सियासी रस्साकसी के चुनौतिपूर्ण दौर में अपनों के खतरे से आशंकित कांग्रेस में अंदरूनी माहौल खासा संवदेनशील बना हुआ है। पुख्ता खबर है कि सीएम अशोक गहलोत और उनके रणनीतिकारों को भाजपा से ज्यादा कांग्रेस से जुड़े प्रदेश के कई दिग्गजों से खतरा नजर आ रहा है। इसके चलते गहलोत लॉबी के रणनीतिकारों ने राजस्थान कांग्रेेस के कई दिग्गज नेताओं और असंतुष्ट लॉबी के विधायकों की निगरानी भी बढा दी है,एतिहात के तौर पर पिछले दो दिनों से चारों प्रहर उनकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है। कांग्रेस के जिन नेताओं से खतरा नजर आ रहा हैउनमें जाट और ब्राह्मण लॉबी के दिग्गज भी शामिल है। इसके अलावा पार्टी के उन विधायकों पर निगरानी बढा दी गई है,जिन्होने 11 जून को किसान नेता स्व.राजेश पायलेट की पुण्यतिथी पर आयोजित श्रद्धाजंलि सभा के बाद मिटिंग की थी,इस मिटिंग में शामिल हुए कई दिग्गज कांग्रेसी नेताओं और विधायकों की मंशा भांप चुके सीएम गहलोत ने अब दुगुनी सतकर्ता बरतनी शुरू कर दी है। कांग्रेस लॉबी के नेताओं और विधायकों की इस मिटिंग के बाद भाजपा के पूर्व मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने भी संकेत दिये थे कि अपनी सरकार के रवैये से खफा कांग्रेस के असंतुष्ट विधायक कोई बड़ा गुल खिलायेगें। इसी बीच प्रदेश के सियासी हल्कों के खुफिया सूत्रों ने भी सीएम गहलोत को आगाह कर दिया है कि राज्यसभा चुनावों में कांग्रेस के कई दिग्गजों की शह पर असंतुष्ट लॉबी के विधायक पार्टी के खिलाफ भीतरघाती रूख अपना सकते है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भीतरघात की भनक लगने के बाद सीएम गहलोत और उनके रणनीतिकारों ने प्रदेश कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं और दो दर्जन से ज्यादा असंतुष्ट लॉबी के पार्टी विधायकों के मोबाइल सर्विस लॉंस भी ले रखे है।
कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात के घटनाक्रम से सबक लेते हुए राज्य सरकार और कांग्रेस किसी प्रकार की रिस्क नहीं लेना चाहती, जिससे प्रदेश सरकार या फिर राज्यसभा की एक सीट पर संकट खड़ा हो। इसलिए सीएम गहलोत खुद पूरा मोर्चा संभाले हुए हैं,उनके साथ मजबूत सिपहासालार के तौर पर नगरीय निकाय मंत्री शांति धारीवाल,उर्जा एवं जलदाय मंत्री डॉ.बीडी कल्ला,पूर्व मंत्री डॉ.जितेन्द्र सिंह के अलावा संगठन के कई भरोसेमंद नेता भी शामिल है,जो सियासी तौर पर होने वाली हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए है। रिसॉर्ट में ठहरे कांग्रेस विधायकों और उनके नजदीकी लोगों के मूवमेंट पर एजेंसियों की ओर से नजर रखी जा रही है।