एक अच्छे अधिवक्ता को अपने पक्ष कार की कानूनी मदद के लिए तकनीकी कानूनों कंप्यूटर नेटवर्क संचार उपकरणों के तकनीकी पहलुओं से अवगत होना बेहद जरूरी है, जिससे अपने पक्षकारों को ई-कॉमर्स , ई- कांटेक्ट डिजिटल हस्ताक्षर बौद्धिक संपदा अधिकार और साइबर अपराधों से निपटने में आसानी हो सके। प्रदेश के विभिन्न जिलों में साइबर अपराधों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है। हमें उम्मीद है कि सालसा की इस पहल से साइबर कानून और सुरक्षा को समझने के लिए काफी मदद मिलेगी। प्रशिक्षण के दौरान सूचना एवं प्रौद्योगिकी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में विशेष योग्यता ज्ञान और अनुभव रखने वाले प्रबुद्ध वक्ताओं के द्वारा साइबर अपराधों कानूनों एवं सूचना प्रौद्योगिकी की सुरक्षित उपयोग के बारे में विस्तार से बताया गया। इस वर्चुअल माध्यम से दिया गया प्रशिक्षण दैनिक जीवन के लिए उपयोगी साबित होने के साथ-साथ व्यवसायिक क्षेत्र में भी अत्यंत लाभप्रद होगा।इस अवसर पर न्यायाधिपथी लोढ़ा ने साइबर अपराध और सुरक्षा पर रालसा की ओर से आयोजित पुस्तक और पंपलेट सोशल मीडिया का भी विमोचन किया।प्राधिकरण के सदस्य सचिव विजेंद्र जैन ने बताया कि आज के समय में वर्चुअल दुनिया में हम अपना अधिकतम समय बिताते हैं वर्चुअल माध्यम का सकारात्मक उपयोग का जीवंत उदाहरण यह प्रशिक्षण शिविर है आज हम सभी अपने अपने जिले में रहते हुए एक दूसरे के साथ जुड़कर इस शिविर के माध्यम से विशेष जानकारी प्राप्त कर रहे हैं तकनीक के विकास के साथ साथ कई लाभ और कई नुकसान भी है हम किस प्रकार वर्चुअल दुनिया में सुरक्षित रह कर इसका प्रगतिशील रूप से उपयोग कर सकते हैं यह जानना हम सबके लिए महत्वपूर्ण है।
इस दौरान राजस्थान उच्च न्यायालय की साइबर क्राइम विषय पर अधिवक्ता निश्चित दीक्षित ने अपना व्याख्यान देखकर अधिवक्ताओं को साइबर अपराधों से बचने की विशेष जानकारी दी। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में सेवानिवृत्त आईपीएस सीपी शर्मा ने साइबर अपराधों में जांच प्रक्रिया में आने वाले बिंदुओं पर वकीलों को विशेष रुप से ध्यान आकर्षित किया कैरियर पॉइंट यूनिवर्सिटी कोटा की डॉक्टर नीतू नरवाल प्रोफेसर ने इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी के सुरक्षित उपयोग और महिलाओं के विरुद्ध होने वाले साइबर अपराधों के संबंध में अपना व्याख्यान देकर वर्चुअल माध्यम से जुड़े सभी प्रशिक्षणार्थियों को अनुभव साझा कर उनका ज्ञान वर्धन किया।