

– चार नवंबर को होनी थी मुलाकात
_कैप्टन अमरिंदर सिंह की राष्ट्रपति से मुलाकात चार नवंबर को प्रस्तावित थी। जहां वे पंजाब विधानसभा में केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पारित संशोधन विधेयक को मंजूर करने की मांग करते। राष्ट्रपति के समक्ष कैप्टन मालगाड़ियों को रोके जाने का मुद्दा भी उठाते। पंजाब के दोनों प्रमुख विपक्षी आम आदमी पार्टी और अकाली दल ने मुख्यमंत्री के साथ राष्ट्रपति से मिलने दिल्ली जाने से मना कर दिया है।
– जेपी नड्डा को लिख चुके हैं पत्र
कैप्टन इससे पहले भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र भी लिख चुके हैं। पत्र में उन्होंने लिखा कि किसान आंदोलन और मालगाड़ियां चलाने पर यदि जल्द फैसला न लिया गया तो सुरक्षा के लिहाज से पंजाब को पाकिस्तान से खतरा हो सकता है। कैप्टन ने कहा कि आईएसआई समर्थित आतंकवादी समूह हमेशा ही पंजाब में गड़बड़ी पैदा करने की ताक में रहते हैं। पिछले कुछ महीनों में पंजाब से 200 से अधिक आतंकी पकड़े जा चुके हैं।


राज्य में मालगाड़ियों को चलाने के लिए कैप्टन ने सांसदों को केंद्र सरकार पर दबाव बनाने का जिम्मा सौंपा है। सोमवार को दिल्ली में पंजाब के सांसदों की बैठक हुई, जिसमें अगली रणनीति तैयार की गई। जानकारी के अनुसार पंजाब के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से मिलेगा और मालगाड़ियां रुकने से उत्पन्न स्थिति की जानकारी देगा और राज्य में जल्द मालगाड़ियों को शुरू करने की मांग करेगा। बैठक में यह भी तय हुआ है कि सांसदों का प्रतिनिधिमंडल वित्त मंत्रालय और पीएमओ से भी संपर्क करेगा।
