

– किलोमीटर स्कीम के आने से बन्द हो जाएंगी राज्य परिवहन की कर्मशालाएं
हर्षित सैनी
रोहतक, 8 फरवरी। हरियाणा सरकार किलोमीटर स्कीम में दोषी पाए गए सभी सम्बन्धित पक्षों पर भी कड़ी कार्यवाही करते हुए जनता के समक्ष सच्चाई उजागर करे।
यह बात आज हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेन्द्र सिंह धनखड़ व वित्त सचिव दिलबाग अहलावत ने एक संयुक्त बयान में कही। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि राज्य विजिलेंस ब्यूरो द्वारा जांच के बाद भी उस समय के सम्बन्धित अधिकारियों, बोली दाताओं पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं की है जबकि पहले टेंडर में विजिलेंस को भारी धांधली मिली थी।


कर्मचारी नेताओं ने कहा कि आज हालत यह है कि परिवहन बेड़ा लगातार सिकुड़ता जा रहा है। जनता को पर्याप्त मात्रा मे परिवहन सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने इसके लिए वर्तमान सरकार के साथ-साथ पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार को भी जिम्मेदार ठहराते हुए उन्होंने बताया कि आज से तीस वर्ष पहले रोड़वेज बेड़े में 3850 गाड़ियां थी। तीन गुना आबादी के हिसाब से भी आज 11550 सरकारी गाड़ियां होनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि किलोमीटर स्कीम के आने से राज्य परिवहन की कर्मशालाएं बन्द हो जाएंगी। वहीं दूसरी तरफ बेरोजगारी में भारी बढ़ोतरी होगी क्योंकि इन बसों पर केवल परिचालक ही सरकारी हैं। गठबन्धन सरकार में शामिल दोनों पार्टियों ने अपने-अपने चुनावी घोषणा पत्रों में भी इस प्रकार का कोई एजेंडा नहीं दर्शाया था।
कर्मचारी नेताओं ने सरकार से मांग की कि किलोमीटर स्कीम के दोषियों को शीघ्र सजा दे तथा विभाग मे प्रत्येक वर्ष दो हजार सरकारी बसों को शामिल करते हुए परिवहन बेड़े को आबादी के अनुपात को मद्देनजर रखते हुए रोड़वेज बसों की संख्या लगातार बढ़ाये।
गौरतलब है कि हरियाणा रोड़वेज देश के परिवहन उपक्रमों में कम ईन्धन में ज्यादा बचत देने वाला व जनता की 42 श्रेणियों को सुरक्षात्मक दृष्टि से सुविधाएं देने वाला एशिया का सर्वोपरि विभाग है। सरकार किलोमीटर स्कीम से इसका निजीकरण करना बन्द करे।
उन्होंने जनहित से जुड़े इस विभाग को बचाने के लिए सरकारी प्रमुख सहयोगी पार्टी जजपा से किलोमीटर स्कीम को रद्द करने की मांग करते हुए रोड़वेज मे सरकारी गाडिय़ों की संख्या बढ़ाने की मांग की तथा राज्य सरकार से हरियाणा कर्मचारी महासंघ के साथ 20 जुलाई को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में सहमति बनी मांगों को लागू करने की भी मांग की।
