बीकानेर,(हेम शर्मा )। लालगढ़ ओवर ब्रिज का काम छह साल से अब तक पूरा नहीं हुआ तो हमारे जनप्रतिनिधि क्या करते रहे? यह सवाल पूछने का जनता में कितना माद्दा है ? लालगढ़ ओवर ब्रिज की यह हालत बीकानेर से राजस्थान सरकार के तीन मंत्री और एक केंद्रीय मंत्री के कार्यकाल में हुई है। इस ओवर ब्रिज में इन नेताओं की जनहित के मुद्दों पर जन प्रतिनिधि की छवि झलकती है। हमारे नेताओं का विकास और जन समस्याओं के प्रति कैसा रवैया है? सत्ता पक्ष भी देखता रहा और विपक्ष भी गहरी निद्रा में सोया रहा। विपक्ष के किसी नेता ने आवाज उठाई क्या? कोई तो नाम बता दो। नेता तो बहुत है चाहे टिकट की दावेदारी की लिस्ट हो या पद पाने कि दौड़। कितने नेता दिखाए दे जाते हैं।किस नेताओं को जिम्मेदार ठहराए ? कोई एक गैर जिम्मेदार हो तो! किसी की झूठी निंदा करना पाप माना जाता है। क्या लालगढ़ ओवर ब्रिज की तस्वीर देखकर नेताओ को गैर जिम्मेदार ठहराना गलत तो नहीं है? माननीय डा. बी डी कल्ला मंत्री थे सत्ता में रहते उनको लालगढ़ ओवर ब्रिज दिखाई ही नहीं दिया। लालगढ़ ओवर ब्रिज पूरा नहीं होने की गैर जिम्मेदारी का कल्ला के पास कोई जवाब नहीं हो सकता। अगर वे कोई जवाब देते हैं तो बचाव का बहाना मात्र होगा। मौके पर लालगढ़ ओवर ब्रिज नहीं बना है ना। ये नेताओं के गैर जिम्मेदार होने के बचाव में दिए गए जवाब का प्रमाण है। बीकानेर पश्चिम से कल्ला की जगह नए विधायक जेठानंद व्यास अभी तो खुद के स्वागत में ही व्यस्त है। देखना है कि दबंग और जुझारू माने जाने वाले नए विधायक क्या कर पाते है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने लालगढ़ ओवर ब्रिज को लेकर कुछ भी प्रयास किया होता तो यह हालत नहीं होती। केंद्रीय मंत्री के लिए यह ओवर ब्रिज मामूली काम था। संजीदा व्यक्तित्व के धनी। संघर्ष कर जमीन से उठे केंद्रीय मंत्री का बीकानेर के मुद्दों पर पंद्रह साल बाद “विकसित बीकानेर की परिकल्पना” की बात देर आयद दुरुस्त आए वाली है। क्या 15 सालों से अभी तक बीकानेर के विकास के मुद्दे भी समझ नहीं आए? चलो अब समझ लें तो भी बीकानेर की जनता का सौभाग्य ही माना जाएगा। पहले केंद्रीय मंत्री अपने लोकसभा क्षेत्र का लालगढ़ ओवर ब्रिज जो 6 साल बाद भी नहीं बन पा रहा है। इसे तो पूरा करवा दें। “विकसित बीकानेर की परिकल्पना” और बड़े बड़े विकास के काम तो आपको करवाने ही है। अर्जुन राम जी घोषणाएं करने और वाहवाही लेने में माहिर है। बाद में जनता भले ही कोसती रहे। बीकानेर जिले में सात विधायक हैं। ये विधायक तो अपने अपने क्षेत्र की बात करते हैं। लालगढ़ ओवर ब्रिज सभी नेताओं और जनता के खातिर समान सुविधा हो सकती है। कोई तो बोलो रे। बीकानेर में बड़े बड़े नेता भी तो है देवी सिंह भाटी, वीरेंद्र बेनीवाल, कन्हैया लाल झंवर्, आवाज तो उठा ही सकते हैं। जनता या संगठन तो बोले। प्रशासन और सरकार की अपनी प्राथमिकताएं है। आवाज बुलंद होगी तभी समाधान होगा अन्यथा 6 साल और निकल जाएंगे।