_जोधपुर में न्यायाधिपतिगण की 06 बैंचों का गठन कर 1901 लंबित प्रकरण तथा जयपुर पीठ, में 06 सेवानिवृत्त बैंचों मे 22 प्री-लिटिगेषन तथा 1821 न्यायालय में लम्बित प्रकरण कुल 1843 प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे हैं।
_पूरे प्रदेश की 859 बैंचों में 3,45,897 प्री-लिटिगेषन तथा 3,99,489 न्यायालयों में लम्बित प्रकरण, कुल 7,45,386 मामलों की होगी सुनवाई ऑनलाइन व ऑफलाइन दोनों माध्यमों से


जयपुर,(दिनेश शर्मा” अधिकारी “)। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देषानुसार एवं माननीय न्यायाधिपति एम.एम. श्रीवास्तव, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय, (मुख्य संरक्षक) एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सानिध्य में इस वर्ष की “ राष्ट्रीय लोक अदालत “ का आयोजन 14 मई शनिवार को राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर एवं जयपुर पीठ सहित प्रदेष के सभी अधीनस्थ न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों, उपभोक्ता मंचों एवं अन्य प्रषासनिक अधिकरणों में किया जा रहा है। माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, मुख्य पीठ, जोधपुर में माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् एम.एम. श्रीवास्तव, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय, (मुख्य संरक्षक) एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 14 मई को प्रातः 10.00 बजे राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ किया जावेगा।
राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जयपुर उप सचिव-प्रथम ने बताया की माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ, जयपुर में माननीय न्यायाधिपति अषोक कुमार गौड़, न्यायाधीष, राजस्थान उच्च न्यायालय की अध्यक्षता में माननीय पदासीन न्यायाधिपति एवं सेवानिवृत्त न्यायाधिपतिगण, राजकीय महाधिवक्ता एवं अतिरिक्त महाधिवक्तागण, राजस्थान उच्च न्यायालय बार एसोसिएषन के अधिवक्तागण, राजस्थान उच्च न्यायालय एवं रालसा के पदाधिकारीगण, पक्षकारगण एवं कर्मचारीगण की मौजूदगी में 14 मई को प्रातः 10.00 बजे राजस्थान उच्च न्यायालय (न्यू बिल्डिंग) के परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया जावेगा। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में न्यायालय में लंबित राजीनामा योग्य फौजदारी प्रकरण, धारा 138 परक्राम्य विलेख अधिनियम (छप् ।बज) के प्रकरण, धन वसूली के प्रकरण, एम.ए.सी.टी. के प्रकरण, श्रम एवं नियोजन संबंधी विवाद एवं कर्मचारी क्षतिपूर्ति अधिनियम के प्रकरण, बिजली, पानी एवं अन्य बिल भुगतान से संबंधित प्रकरण (अषमनीय के अलावा), पारिवारिक विवाद (तलाक को छोड़कर), भूमि अधिग्रहण से संबंधित प्रकरण, सभी प्रकार के सर्विस मैटर्स (पदोन्नति एवं वरिष्ठता विवाद के मामलों के अलावा), सभी प्रकार के राजस्व मामले (सीमाज्ञान/नामान्तरण/राजस्व अभिलेख में सुधार/पैमाइश/डिवीजन आॅफ होल्डिंग एवं रास्ते के विवाद सहित), वाणिज्यिक विवाद, बैंक के विवाद, गैर सरकारी शिक्षण संस्थान के विवाद, सहकारिता सम्बन्धी विवाद, परिवहन सम्बन्धी विवाद, स्थानीय निकाय (विकास प्राधिकरण/नगर निगम, आदि) के विवाद, रियल एस्टेट सम्बन्धी विवाद, रेलवे क्लेम्स सम्बन्धी विवाद, अन्य कर सम्बन्धी विवाद, उपभोक्ता एवं विक्रेता/सेवा प्रदाता के मध्य के विवाद, सिविल मामले (किरायेदारी, बंटवारा, सुखाधिकार, निषेधाज्ञा, घोषणा, क्षतिपूर्ति एवं विनिर्दिष्ट पालना के दावे), अन्य राजीनामा योग्य ऐसे मामले जो अन्य अधिकरणों/आयोगों/मंचों /अथाॅरिटी/प्राधिकारियों के समक्ष लंबित हैं, लोक अदालत में रखे जाएंगे।
प्री-लिटिगेषन के भी प्रकरण उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में रखा जाना प्रस्तावित है। उक्त प्रकरणों में रिटायर्ड न्यायिक अधिकारी/प्री-काउंसलर द्वारा काउंसलिंग 16 अप्रैल 22 से करवाई जा रही है।
इस बार पायलट प्रोजेक्ट के रूप में टोंक जिले में मोटर वाहन दुर्घटना दावा मामलों के लिए विषेष अभियान चलाया गया है, जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, टोंक के परिसर में बीमा कम्पनी के स्थानीय स्तर के अधिकारीयों को बुलाकर प्री-काउंसलिंग सेषन करवाए गए। जन सामान्य के द्वारा अपने प्रकरणों का राजीनामे के माध्यम से निपटाने हेतु मामले उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में रखवाये जाएंगे। प्रकरणों की सुनवाई हेतु अधीनस्थ न्यायालयों की कुल 859 बैंचों का गठन किया गया, जिनके द्वारा प्रकरणों की आॅनलाईन व आॅफलाईन माध्यमों से सुनवाई की जाएगी। उक्त बैंचों में 3,45,897 प्री-लिटिगेषन तथा 3,99,489 न्यायालयों में लम्बित प्रकरण, कुल 7,45,386 प्रकरण सुनवाई हेतु रखे जाएंगे।
माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में कार्यरत माननीय न्यायाधिपतिगण की 06 बैंचों का गठन कर 1901 न्यायालय में लंबित प्रकरण तथा माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर पीठ, जयपुर में 06 सेवानिवृत्त माननीय न्यायाधिपतिगण की बैंचों का गठन कर 22 प्री-लिटिगेषन तथा 1821 न्यायालय में लम्बित प्रकरण कुल 1843 प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत में रखे गए हैं।
राष्ट्रीय लोक अदालत के प्रति आमजन एवं पक्षकारों के मध्य काफी उत्साह है। पक्षकार स्वयं आगे बढ़कर अपने मामलों को लोक अदालत में लगाने के लिए आ रहे हैं। साथ ही विद्वान अधिवक्तागण अपने स्तर पर पक्षकारों को अपने मामले राजीनामा के माध्यम से सुलझाने वाले इस सुलभ माध्यम को अपनाने हेतु पे्ररित कर रहे हैं।
राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन हेतु माननीय न्यायाधिपति श्रीमान् एम.एम. श्रीवास्तव, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधिपति, राजस्थान उच्च न्यायालय, (मुख्य संरक्षक) एवं कार्यकारी अध्यक्ष, राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की अध्यक्षता में सभी न्यायालयों एवं अधिकरणों के पीठासीन अधिकारीगण के साथ पिछले एक महीने से लगातार वर्चुअल बैठकों का आयोजन कर मुकदमों के रेफरेंस, प्री-काउंसलिंग को प्रभावी बनाने एवं राजीनामे के माध्यम से मुकदमों के निस्तारण हेतु पक्षकारों को प्रेरित किए जाने बाबत् कार्य योजनाओं पर विचार-विमर्ष किया जा रहा है, जिसके क्रम में समय-समय पर विभिन्न विभागों के पदाधिकारीगण के साथ बैठकों का आयोजन किया गया है।