

क्या किसानों को मिलने वाले लाभ पर काला दिवस मनाया जा रहा है—??? : नेता प्रतिपक्ष कटारिया
जयपुर, ( ओम एक्सप्रेस )। गुलाबचन्द कटारिया, नेता प्रतिपक्ष, राजस्थान विधान सभा ने बताया कि कृषि बिलों पर जो केंद्र सरकार ने बिल पास करके कानून का रूप दिया है उस कानून के विरूद्ध कुछ किसान संगठन और देश के कई विपक्षी पार्टियां इस कानून का विरोध कर रही है। किसान संगठनों ने 26 मई, 2021 को काला दिवस मनाना तय किया है इसमें देश के कुछ प्रमुख पार्टियां भी इसका समर्थन कर रही हैं। कटारिया ने उन सभी बंधुओं से निवेदन किया है। आपका विरोध इस बात से था कि मंडिया समाप्त हो जाएंगी। लेकिन इस कानून के पास होने के बाद देश में अब तक कहीं पर भी मंडिया बन्द नहीं हुई है, यथावत् चालू है। किसान संगठनों ने आरोप लगाया कि समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद बन्द हो जाएगी। खरीद आज भी यथावत् जारी है। और पिछली सरकारों से कई गुना ज्यादा खरीद की जा रही है। पहले कांग्रेसराज में कुछ ही फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित होता था। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र जी मोदी ने 22 फसलों का समर्थन मूल्य दिए जाना घोषित किया और आवश्यकतानुसार इसके अनुसार खरीद भी की, फिर भी विरोध किस बात का, कोई स्पष्ट तो करे—-???


क्या काला दिवस इसलिए मनाया जा रहा है कि किसान सम्मान निधि की राशि 10 करोड़ 50 लाख किसानों के खातों में 8 किश्तों में सीधे ही जमा करायी जा चुकी है—??? जिस पर अब तक 1 लाख 15 हजार करोड़ रूपया सीधा ही किसानों के खातों में जमा हो गया। क्या इसके लिए काला दिवस मनाया जा रहा है। अभी-अभी मोदी सरकार ने खाद सब्सिडी बढ़ाने का जो किसान हित में DAP खाद पर ऐतिहासिक निर्णय लिया है। किसानों को DAP पर 500/- प्रति बोरी से बढ़ाकर अब इसे 1200/- प्रति बोरी की सब्सिडी दी गयी है, इससे किसानों को लगभग 14,400 करोड़ रूपया का फायदा हुआ है। क्या किसानों को इस पर होने वाले लाभ पर काला दिवस मनाया जा रहा है—??? कटारिया ने बताया कि लगता है कि किसान संगठन और विपक्षी दलों द्वारा कृषि कानूनों का विरोध नहीं कर प्रधानमंत्री का विरोध करना ही आपका एकमात्र उद्देश्य रह गया है, इस कारण से इस कृषि कानून का विरोध किया जा रहा है। क्योंकि जिन राज्यों में विपक्षी दलों की सरकार हैं, वे इसका लाभ किसानों को नहीं दे पा रहे हैं। इसलिए इस शर्मिंदगी को मिटाने के लिए 26 मई, 2021 को काला दिवस मनाने वाले लोगों का आप सभी राजनैतिक पार्टियां समर्थन कर रही हैं, यदि हॉं, तो देश की जनता उनके इन कुकृत्यों को बेनकाब करें। ताकि भविष्य में किसानों का बहाना लेकर अपने राजनैतिक लाभ लेने हेतु किए गए गलत कामों को सही साबित नहीं कर सकें।
