बीकानेर।बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की जा रही “तकनीकी शिक्षा में सार्वभौमिक मानवीय मूल्य” विषयक एक सप्ताह की ऑनलाइन कार्यशाला के तीसरे दिन प्रो. एम.पी. पूनिया ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा
समाज, परिवार व प्रकृति की अपेक्षा अनुसार विद्यार्थियों का निर्माण करनी ही मानवीय मूल्यों की वास्तविक शिक्षा है. ऐसे विद्यार्थियों के निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका है. शिक्षक समाज का पथ प्रदर्शक होता है. शिक्षक का चरित्र और आचरण ही उच्च समाज का निर्माण करता है. ये विचार अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् नई दिल्ली के वाईस चेयरमैन प्रो. एम. पी. पूनिया ने बतौर मुख्य अतिथि बीकानेर तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हो रही एक सप्ताह की “तकनीकी शिक्षा में सार्वभौमिक मानवीय मूल्य” विषयक कार्यशाला के तीसरे दिन कही. उन्होंने अनेक लघु कथाओं के माध्यम से विद्यार्थिओं का मार्गदर्शन किया. उन्होंने कहा की देश में कुल विद्यार्थियों के 27% विद्यार्थी ही उच्च शिक्षा ले पाते हैं, जो की दुसरे देशों की अपेक्षा काफी कम है. इसलिए जो विद्यार्थी उच्च शिक्षा ग्रहण करते हैं इनसे राष्ट्र और समाज की अपेक्षा कही अधिक हैं ताकि हमारा आचरण दुसरे देशों के लिए आदर्श बन सकें. उन्होंने कहा की प्रत्येक विद्यार्थी को स्वयं से ये प्रश्न पूछना चाहिए की मैं क्यों हूँ, समाज, परिवार, प्रकृति और राष्ट्र के निर्माण में मैं क्या योगदान दे सकता हूँ. उन्होंने कहा हमें यह सुनिश्चित करना होगा की जैसी प्रकृति हमे जन्म के समय मिली हम उसे आने वाली पीढ़ी के लिए वैसा ही छोड़ कर जाएँ।
सत्र को संबोधित करते हुए बीटीयु के कुलपति प्रो. हाकमदान चारण ने बताया की कैसे निरंतर 30 वर्षों से प्रो. पूनिया ने मानवीय मूल्यों को अपनाते हुए सफलता के अनेक मुकाम हासिल किये. बीकानेर सदा ही प्रो. पूनिया के दिल, ध्येय व विश्वास से जुदा हुआ है. आज के सत्र के मुख्य वक्ता जोधपुर के डॉ. विनीत पुरोहित व सीकर के डॉ. पी के त्रिपाठी ने आज के सत्र में परिवार, विश्वास व सम्मान पर विद्यार्थियों से चर्चा की।
समारोह के अंत में अतिथियों, विशषज्ञों, तथा प्रतिभागियों धन्यवाद ज्ञापन बीटीयु के अकादमिक निदेशक डॉ. यदुनाथ सिंह ने किया।
कार्यक्रम समन्वयक डॉ अलका स्वामी ने बताया की इस वर्कशॉप के सत्र में लगभग राजस्थान के लगभग 1000 विद्यार्थी, अभिभावक, शिक्षक इत्यादि ने लाभार्जन लिया