विश्व मंगल की कामना के लिए सवा लाख शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंत्र जाप का हुआ आगाज, 55 दिन तक चलेगी मंत्र जाप साधना

बाड़मेर, ।परम पूज्या साध्वी श्री मृगावतीश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 3 के आध्य चातुर्मासिक प्रवचन मंगलाचरण के साथ प्रवचन प्रारम्भ हुआ।
प्रखर व्याख्यात्री साध्वी श्री मृगावतीश्रीजी म.सा. ने जिनकांतिसागरसूरि आराधना भवन में में उपस्थिति जनसमुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि साधना के मार्ग पर चलते हुए भी भावों में क्षणमात्र की तरतमता आती है तो जो आत्मा उध्र्वगति में जाने वाली होती है वो अधोगति का चयन कर लेती है।
साध्वीवर्या ने कहा कि जिनवाणी का मतलब एकमात्र जीवन का परिवर्तन है। जिनवाणी सुनने के बाद भी हमारे जीवन में अंशमात्र का परिवर्तन नही हुआ है तो जिनवाणी सुनना निरर्थक है। अंधकार चाहे कितना भंयकर क्यों न हो लेकिन प्रकाश को प्रकट होने से नही रोक सकता है। सामायिक साधना एकमात्र अंतरयात्रा को प्रकट करने की यात्रा है। मोहरूपी टैक्सी ड्राइवर प्रत्येक जीवात्मा को संसार का परिभ्रमण ही करवाता है। हमारा जीवन अनादिकाल से संसार परिभ्रमण कर रहा है अब हमें मनुष्यभव जैसा जंक्शन मिला है।
साध्वी श्री नित्योदयाश्रीजी ने धर्मसभा को संबोधित करते हुए सम्यकदृष्टि आत्मा संसार में रहते हुए भी संसार से निर्लिप्त रहता है। जिस प्रकार धायमाता बच्चे का लालन-पालन करते हुए भी उस बच्चे को अपने हृदय में स्थान नही देती है वैसे ही सम्यकदृष्टि जीव संसार की समस्त क्रियाएं करते हुए भी अपने हृदय से संसार की दूरी बनाये रखता है। जो रजोहरण साधु के हाथ में होता है, वो रजोहरण श्रावक के हृदय में बसना चाहिए। श्रावक के हृदय में हरसमय एक ही झंखना होनी चाहिए कि संयम क्यारे मलसे।
सवा लाख शंखेश्वर पाश्र्वनाथ मंत्र जाप साधना का हुआ आगाज-
खरतरगच्छ संघ चातुर्मास समिति, बाड़मेर के उपाध्यक्ष मांगीलाल धारीवाल व मिडिया प्रभारी चन्द्रप्रकाश छाजेड़ ने बताया कि परम पूज्या साध्वी श्री मृगावतीश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 3 की पावन निश्रा में बुधवार को 55 दिवसीय शंखेश्वर पाश्र्वनाथ भगवान का महाचमत्कारिक, आधि-व्याधि-उपाधि निवारक मंत्र जाप की साधना का शुभारम्भ हुआ। मंत्र साधना स्थल पर शंखेश्वर पाश्र्वनाथ परमात्मा की नयनाभिराम प्रतिमाओं को विराजमान किया गया तथा मंत्र साधना के द्वारा मन,वचन, काया की शुद्धि की गई। पाश्र्वनाथ परमात्मा को मुख्य वेदिका पर विराजमान करने का लाभ 2801 सामायिक के माध्यम से जिनशासन जैन जागृति युवती मंच ने लिया। अखंड दीपक स्थापना का लाभ हस्तीमल केसरीमल सेठिया परिवार ने लिया।

ज्ञाताधर्मकथा सूत्र गुरूवर्या श्री को किया अर्पण, चार माह बहेगी ज्ञान की गंगा-
चातुर्मास के दरम्यान प्रतिदिन प्रवचन में बहने वाली ज्ञान की गंगा के रूप में गुरूवर्या श्री के द्वारा ज्ञाताधर्मकथा सूत्र का चयन किया गया। इस सूत्र में साढ़े तीन करोड कथाएं थी जब अब कालान्तर में कम हो गई है। इस सूत्र का चार माह तक श्रवण किया जायेगा। ज्ञाताधर्मकथा सूत्र वोहराने का लाभ पारसमल हंजारीमल बोथरा परिवार ने लिया तथा मतिज्ञान की पूजा का लाभ पुरूषोतमदास धनराज संखलेचा परिवार, श्रुतज्ञान पूजा का लाभ ओमप्रकाश भंवरलाल बोथरा परिवार, अवधिज्ञान पूजा का लाभ बाबूलाल नेमीचंद धारीवाल परिवार, मनःपर्यवज्ञान पूजा का लाभ मनसुखदास नेमीचंद पारख परिवार व केवलज्ञान पूजा का लाभ पुरूषोतमदास ताराचंद संखलेचा परिवार ने लिया।
छाजेड़ ने बताया कि चातुर्मास के दरम्यान आज से चोदह पूर्वधर तप भी प्रारम्भ किया गया जिसके सैकड़ों की संख्या में तपस्वी जुड़ें है।