नागरिकता संशोधन कानून के जरिए भाजपा धर्म के आधार पर नागरिकों का बांट रही है
हर्षित सैनी
रोहतक। अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति जिला रोहतक ने सीएए, एनआरसी, एनपीआर के विरोध में सुनारिया चौक पर धरना दिया। 27 फरवरी को डी पार्क पर धरना दिया जाएगा। धरने की अध्यक्षता मूर्ति, जगबीरी तथा विजय लक्ष्मी ने संयुक्त रूप से की। संचालन वीना मलिक व अनीता ने किया।
धरने को संबोधित करते हुए अखिल जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जगमति सांगवान, राज्य महासचिव सविता, राज्य कोषाध्यक्ष राजकुमारी दहिया ने कहा कि आज केंद्र की भाजपा सरकार देश में घुसपैठियों का हव्वा खड़ा करके देश के 138 करोड़ नागरिकों से नागरिकता का प्रमाण पत्र मांग रही है। नागरिकता संशोधन कानून के जरिए धर्म के आधार पर नागरिकों का बांटा जा रहा है।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर जो 1 मई से लागू किया जा रहा है, उसमें माता-पिता के जन्म स्थान व जन्म की तारीख पूछी जाएगी। बाद में यह एनआरसी का आधार बनेगा और इसके दस्तावेज मांगे जाएंगे। इस प्रक्रिया पर करोड़ों रुपए खर्च होंगे। आज आम जनता के सामने रोजी-रोटी, शिक्षा, रोजगार , स्वास्थ्य, आवास, सुरक्षा का संकट है।
जगमति सांगवान ने आरोप लगाया है कि देश में सभी जरूरी चीजों के दाम बढ़ रहे हैं। बिना सब्सिडी वाला सिलेंडर 850 रूपए से ऊपर हो गए है। ऐसे में केंद्र की भाजपा सरकार लोगों के विकास पर पैसा खर्च करने की वजह बेफिजूल एनआरसी पर पैसा खर्च कर रही है।
उनका कहना था कि पूरे देश में करोड़ों लोग इस कानून के विरोध में सड़कों पर हैं। कई राज्यों की विधानसभाएं इसके विरोध में प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं। उसके बावजूद भी देश के प्रधानमंत्री व गृह मंत्री कह रहे हैं कि हम 1 इंच भी पीछे नहीं हटेंगे। यह तानाशाही है, जिसे जनता मुंहतोड़ जवाब दे रही है।
उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि हरियाणा में विपक्षी पार्टियां विशेषकर कांग्रेस पार्टी इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर मौन साधे हुए है। हरियाणा की महिलाएं इसका पुरजोर विरोध कर रही हैं। मई महीने में शुरू होने वाले राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर सर्वे के सवालों का बहिष्कार किया जाएगा।

जनवादी महिला समिति की नेता शकुंतला, अनीता व मुनमुन हजारिका ने कहा कि हमारे देश में आज भी करोड़ों लोग अनपढ़ हैं जिन्हें स्कूल जाने तक का मौका नहीं मिला। ऐसे में अक्सर राशन कार्ड, आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, बैंक खाते आदि में नाम की स्पेलिंग या मात्राएं गलत होती हैं। पेंशन बनवाने तक के लिए सैकड़ों बार धक्के खाने पड़ते हैं।
महिलाओं का अक्सर ससुराल में नाम बदल दिया जाता है। उनका राशन कार्ड में कुछ और तथा जन्म प्रमाण पत्र में कुछ और नाम होता है। बहुत सी महिलाएं दूसरे राज्यों से शादी करके आई हैं उन्हें कागजात इकट्ठा करने के लिए अपने प्रदेशों में कई बार हजारों रुपए खर्च करके जाना पड़ेगा। ऐसे में उन गरीब लोगों की नागरिकता को खतरा रहेगा जो दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाएंगे। इसलिए हमें मिलकर इसका विरोध करना होगा।

धरने को सामाजिक कार्यकर्ता मनोज सहरावत, अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष कॉमरेड इंद्रजीत सिंह, प्रीत सिंह, बलवान सिंह, नागरिक एकता एवं सद्भावना समिति के नेता कैप्टन शमशेर मलिक, डीवाईएफआई से पूजा, एसएफआई के पूर्व महासचिव सुमित, सीटू के नेता संजीव कुमार, रमेश चंद्र ने भी समर्थन किया व धरने में उर्मिल, राखी, बाला, रिसालो निशा, वर्षा, माया, मीनाक्षी, पूजा, सरला, गीता, कमला, नेहा, दर्शना, गौतम सरस्वती, मेवा, मुन्नी, तबस्सुम, सरदार हरदीप सिंह, अंगूरी, परमेश्वरी, सुमित्रा, सीमा, शबनम, रेशमा, मोनिका, प्रियंका, मूर्ति,अमित, प्रेम, फूलवती आदि महिलाएं शामिल हुई।

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