सुपौल । पत्रकार को दूषित भावना से प्रताड़ित किए जाने का एक मामला सामने आया है। जिसमें बलुआ बाजार थाना के पुलिस की कार्यशैली भी संदिग्ध नजर आ रही है। बलुआ बाजार के पत्रकार कमल किशोर मेहता ने इस बाबत डीएसपी त्रिवेणीगंज एवं एसपी सुपौल को एक आवेदन देकर मामले में निष्पक्ष जांच का मांग किया है। पत्रकार कमल किशोर ने ऊक्त जानकारी देते हुए बताया कि कुछ दिन पूर्व वे एक शादी समारोह में पूर्णियां गए हुए थे, उसी रोज उनके एक रिश्तेदार का किसी से कहा सुनी हुई, जिसपर दूसरे पक्ष के लोगों ने उनका मोटरसाइकिल, मोबाइल आदि छीन लिया। जिसकी सूचना थानाध्यक्ष बलुआ बाजार बैजू कुमार को दी गई, लेकिन उन्होंने कोई ध्यान नहीं दिया। शादी समारोह से लौटने के बाद जब उन्होंने प्राथमिकी दर्ज करने हेतु थानाध्यक्ष से आग्रह किया तो थानाध्यक्ष ने पंचायत स्तर पर मामले को सुलझाने का सलाह दिया लेकिन उनके पीड़ित रिश्तेदार अपने साथ हुए घटना का प्राथमिकी दर्ज कराना चाह रहे थे। जिसके बाद थानाध्यक्ष ने गांव के कुछ लोगों के प्रभाव में आकर उनके विरुद्ध हरिजन एक्ट के तहत केस दर्ज कर दिया, जबकि हैरानी की बात ये है कि जिस दिन की घटना आवेदन में दर्शाया गया है, वे उस दिन पूर्णियां में हो रही शादी समारोह में शामिल थे। पत्रकार ने आरोप लगाया है कि बलुआ बाजार थानाध्यक्ष ने द्वेष भावना से उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज किया है।

वहीं मामले में बिहार प्रेस मेंस यूनियन ( Affiliate to – Indian Federation of Working Journalists, IFWJ, New Delhi) ने भी संज्ञान ले लिया है। बिहार प्रेस मेंस यूनियन के प्रदेश महासचिव सुधांशु कुमार सतीश ने बताया कि उन्हें मामले की जानकारी मिली है, प्रथम दृष्टया लग रहा है कि थानाध्यक्ष द्वारा पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर ऐसा कार्य किया है। जबकि नियमानुकूल पुलिस को पहले पत्रकारों के ऊपर लगे आरोपों की जांच करनी चाहिए, उसके बाद कार्रवाई। उन्होंने बताया कि डीजीपी बिहार का साफ निर्देश है कि पूर्वाग्रह या दुर्भावना से ग्रसित होकर पत्रकारों को परेशान नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में वरीय पुलिस अधिकारियों को संज्ञान लेकर निष्पक्ष जांच करना चाहिए, अन्यथा वे इस मामले को डीजीपी बिहार के संज्ञान में भी देंगे।
वहीं मामले के बाबत त्रिवेणीगंज के डीएसपी गणपति ठाकुर ने बताया कि मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी, जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।