

जयपुर। सुप्रीम कोर्ट आज विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी की ओर से दायर एसएलपी पर सुनवाई करेगा। विधानसभा अध्यक्ष ने ये एसएलपी विधायकों को व्हिप उल्लंघन पर जारी नोटिस मामले में हाईकोर्ट में दी गई चुनौती के सम्बन्ध में दायर की गई है। एसएलपी पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अरूम मिश्रा की तीन सदस्यीय बेंच सुबह 11 बजे शरू हो गई है। गौरतलब है कि अरुण मिश्र राजस्थान के लगभग दो साल तक चीफ जस्टिस रह चुके हैं।


दरअसल, एसएलपी दायर होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने इस मामले की सुनवाई के लिए कल ही तीन सदस्यीय बेंच का गठन किया था। बेंच में जस्टिस अरुण मिश्र के अलावा जस्टिस किशन मुरारी और जस्टिस बीआर गवई शामिल हैं। सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के ज़रिये होगी। संभावना जताई जा रही है कि इस मामले में शीर्ष अदालत का फैसला नजीर साबित हो सकता है।
जोशी ने कहा कि मैं कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं, लेकिन संवैधानिक अथॉरिटी के कामों में हस्तक्षेप होगा तो इससे लोकतंत्र पर संकट खड़ा हो जाएगा। जोशी ने कहा अगर विधानसभा अध्यक्ष और कोर्ट के बीच समन्वय नहीं रहेगा तो यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।।
ओम एक्सप्रेस –
राजस्थान की सियासी संकट पर सुप्रीम सुनवाई जारी
-असन्तोष की आवाज को दबाया नहीं जा सकता- सुप्रीम कोर्ट
– राजस्थान में सियासी घमासान पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, स्पीकर के अधिकार पर कोर्ट के दखल पर सुप्रीम कोर्ट में चल रही है बहस, स्पीकर की और से कपिल सिब्बल दे रहे हैं जवाब—–
– सुप्रीम कोर्ट ने पूछा विधायक हाई कोर्ट क्यों गए ?*
-कपिल सिब्बल ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने स्पीकर के नोटिस को कोर्ट में चुनोती दी है, लेकिन वे ऐसा नहीं कर सकते। 17 जुलाई तक पायलट गुट को स्पीकर को जवाब देना था, लेकिन वे सीधे हाई कोर्ट चले गए, जो गलत है।
– सुप्रीम कोर्ट ने पूछा स्पीकर ने विधायकों को नोटिस क्यों जारी किया ?
– इस पर कपिल सिब्बल ने बताया की सचिन पायलट एवं उनके साथी विधायक लगातार पार्टी विरोधी गतिविधियों में लगे रहने के कारण विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए इसकी शिकायत स्पीकर को किए जाने पर स्पीकर ने यह नोटिस जारी किया।
– सुप्रीम कोर्ट ने पूछा स्पीकर ने विधायकों को क्या नोटिस जारी किया था ?
– इस पर कपिल सिब्बल ने स्पीकर द्वारा जारी नोटिस को कोर्ट में पढ़ कर सुनाया।
-सुप्रीम कोर्ट ने पूछा क्या पायलट गुट ने पार्टी छोड़ दी है ?या फिर पार्टी में रहते हुए विधायक अयोग्य हो सकता है ?
– कपिल सिब्बल ने कोर्ट की बताया कि अभी उन्होंने पार्टी नहीं छोड़ी है, लेकिन पूर्व में कुछ मामलों में ऐसा हुआ है। सिब्बल ने बताया कि इन विधायकों को स्पीकर के सामने अपनी बात रखनी चाहिये, स्पीकर के अधिकारों का हनन नहीं होना चाहिए।स्पीकर विधायकों के जवाब से संतुष्ट होने पर कोई कार्यवाही नहीं होगी।
-सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि- किसी भी प्रकार से असंतोष की आवाज़ को दबाया नहीं जा सकता। इन विधायकों को जनता ने चुना है, इनकी बात सुनना भी जरुरी। आप एक दिन का इंतज़ार क्यों नहीं कर सकते ?
सुप्रीम कोर्ट से स्पीकर की ओर से कपिल सिब्बल ने हाई कोर्ट के फैसले पर रोक की मांग की है।
